यूपी के झाँसी पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने झांसी की धरती को शौर्य, पराक्रम, वीर व वीरांगनाओं की पहचान बताया है। उन्होंने वीरांगना लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस पर 17 से 19 नवम्बर तक आयोजित होने वाले जलसा कार्यक्रम में शरीक होने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पीएम नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। हालाँकि पीएम मोदी जलसा में 19 नवंबर को झाँसी आएंगे |
बताते चलें कि वीरागना लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस पर 17 से 19 नवम्बर तक आयोजित होने वाले जलसा कार्यक्रम का शुभारम्भ करने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह झांसी पहुंचे। इस मौके पर सीएम ने दीप प्रज्जवलित कर झाँसी जलसा कार्यक्रम की शुरुआत की । सीएम ने कहा कि राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व झांसी जलसा का उद्घाटन करने के लिए वह स्वयं रक्षा मंत्री के साथ यहां आए हैं।उन्होंने कहा कि झांसी शौर्य, पराक्रम, वीर व वीरांगनाओं की धरती के रूप में पहचाना जाता है। इसके साथ ही उन्होंने वीरागंना लक्ष्मीबाई के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह वर्ष झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की 193 वीं जयंती का है। इस आयोजन को देश के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के साथ जोड़कर और भी अच्छे ढंग से प्रस्तुत करने का प्रयास किया जा रहा है। रानी लक्ष्मीबाई का यह अमृत वाक्य प्रत्येक भारतीय के मन में मातृभूमि के प्रति समर्पण का भाव पैदा करता है | उन्होंने कहा कि राष्ट्र धर्म ही हमारा धर्म है। प्रत्येक नागरिक के मन में राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव होना चाहिए। इस धर्म का अनुपालन कर हम न केवल वर्तमान को बल्कि आने वाले भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं।
वही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई की वीरता ने नारी शक्ति को एक नया आयाम दिया था। जब अंग्रेजी हूकूमत के सामने एक के बाद एक देसी रियासतें घुटने टेक रही थीं तब महारानी लक्ष्मीबाई ने साफ़ साफ़ कह दिया था कि ‘मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व देश की रक्षा के प्रति हमारे संकल्प के साथ-साथ शौर्य, पराक्रम और बलिदान की भारतीय परम्परा का उत्सव है। यह पर्व जहां हमें भारत की गौरव गाथा से जोड़ता है, देश की स्वाधीनता के लिए हुए संग्रामों से जोड़ता है| उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी ने देश की बागडोर संभाली है तभी से महिलाओं की हर फोर्स में भागीदारी बढ़ रही है। जब वह देश के गृह मंत्री थे, तो उन्होंने एक एडवाईजरी सभी राज्यों को जारी की थी कि सुरक्षा बलों में महिलाओं को 33 फीसदी प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए था। हालात बदले है। सभी पुलिस फोर्सज और पैरामिलेट्री फोर्सेस में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। अब सेना में भी महिलाओं के लिए हर बंद दरवाजे को खोला जा रहा है। हमने सेना के तीनों अंगों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के प्रयासों से हमारा देश ‘आत्मनिर्भरता’ की राह पर बड़ी तेज गति के साथ आगे बढ़ चला है। आगामी दिनों में जो भी कार्यक्रम होने जा रहे हैं, वे आज़ादी के इसी बदले हुए अर्थ को हमारे सामने प्रस्तुत करने वाले हैं। आज भारत की गिनती विश्व के उन देशों में होती है जिन्होंने आज़ादी के बाद से लम्बा सफ़र तय किया है। एक समय था देश में बुनियादी सुविधाओं का सर्वथा अभाव था। देश में एक सुई भी नहीं बनती थी। हालात बदले हैं और बदल रहे है।उन्होंने कहा कि पहले सीमाई ख़तरे, फिर आतंक जैसे खतरे, और अब तो साइबर स्पेस और अंतरिक्ष भी खतरों की जद में आ गए हैं। उन्हें ख़ुशी है कि उत्तर प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डिफेन्स कारीडोर की सफलता के लिए काम कर रहीं हैं।एक समय था देश में लगभग 65-70 फ़ीसदी रक्षा सामग्री आयात की जा रही थी। आज तस्वीर बदल गयी है। अब देश में केवल 35 फ़ीसदी रक्षा सामान ही आयात हो रहा है। बाक़ी 65 फ़ीसदी सामान यहीं भारत में बन रहा हैसरकार और उद्योग जगत के साझा प्रयासों से, हम न केवल मेक इन इंडिया बल्कि मेंक इन वर्ल्ड के लक्ष्य को भी जल्दी प्राप्त करेंगे। यह इस देश की रक्षा से जुड़ा एक अहम संकल्प है। इसे हम पूरा करेंगे, ऐसा मेरा पूरा विश्वास है।
विश्व की सबसे बड़ी युवाशक्ति भारत के पास है। रक्षामंत्री ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया है। बुंदेलखंड को भी एक्सप्रेसवे से जोड़ने का काम बड़ी तेज़ी से चल रहा है। झाँसी का कोना-कोना, मानों आजादी का अमृत महोत्सव पूरे जोर-शोर से मना रहा है। यह पर्व इस देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के संकल्प से जुड़ा है। इसलिए इसकी सफलता सुनिश्चित करना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।