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चतुर्ग्रही योग में विवाह पंचमी, कराएगी मनचाहे वर की प्राप्ति

बरेली।अगहन माह के शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि में मनाये जाने वाला विवाह पंचमी का पावन पर्व इस बार 8 दिसंबर बुधवार को होगा।  इस पर्व को भगवान राम और सीता माता की शादी की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम, सीता माता  की पूजा- अर्चना, उपासना की जाती है। भगवान राम और सीता की श्रद्धा पूर्वक पूजा- अर्चना करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। विवाहितों के सौभाग्य में वृद्धि होती है। कहते हैं इस दिन जानकी और भगवान श्री राम की स्तुति जरूर करनी चाहिए। ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोवांछित इच्छाओं की पूर्ति होती है। सबसे खास बात तो यह है कि इस बार यह पावन पर्व चतुर्ग्रही योग में हो रहा है। इस दिन सूर्य, मंगल, बुध केतु एक साथ वृश्चिक राशि में गतिशील है। चार ग्रह एक साथ बैठने से चतुर्ग्रही योग का निर्माण हो हो रहा है। बता दे, सूर्य- मंगल के कारण राजयोग और सूर्य- बुध के समागम से बुधादित्य योग बन रहा है। यह योग बेहद ही कल्याणकारी है और अत्यंत मंगल दायक भी। इन चतुर्ग्रही  योग में की गई पूजा- अर्चना मनचाहे वर की प्राप्ति कराएगी।

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*विवाह की मनोकामना हेतु करें ऐसे पूजा*
विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और सीता का विवाह रचाएं। ऐसा करना बहुत ही शुभ फलदायी साबित होता है। इसके लिए सुबह स्नान करके श्रीराम विवाह का संकल्प लें, फिर भगवान राम और माता सीता के विवाह की फोटो या मूर्ति की स्थापना करें। उनका तिलक करके भगवान राम को पीले वस्त्र और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें। उनका गठबंधन करके आरती करें। मिठाई का भोग लगाएं। आखिर में गांठ लगे वस्त्र को अपने पास रख लें। मान्‍यता है कि ऐसा करने से शादी से जुड़ी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

*विवाह पंचमी शुभ मुहूर्त*-

मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष तिथि आरंभ- 07 दिसंबर  को रात्रि 11 बजकर 40 मिनट से
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष तिथि समाप्त- 08 दिसंबर  को रात 09 बजकर 25 मिनट पर

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