बरेली। धनतेरस के दूसरा दिन छोटी दीवाली या नरक चौदस के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा आयु वृद्धि और आरोग्यता के लिए घर की देहरी पर शाम के समय जम दिया जलाने का भी विधान है। हनुमान जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार इस पर्व को छोटी दीवाली, नरक चौदस, रूप चतुर्दशी भी कहते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। इसलिए इस पर्व का नाम नरक चतुर्दशी पड़ा, और इस दिन भगवान श्री कृष्ण के सौंदर्य की पूजा की जाती है, इसलिए इसे रूप चतुर्दशी कहते हैं। वैसे इस दिन घर की देहरी पर जम दिया जलाने की परंपरा है। शास्त्रों के अनुसार इससे यमराज का त्रास दूर होता है, और आयु आरोग्यता प्राप्त होती है। जम दिया प्रदोष काल की बेला में जलाना चाहिए। प्रदोष बेला आज शाम 5:17 बजे से लेकर रात्रि 7:00 बजे तक रहेगा।
*हनुमान जी की पूजा करेगी मंगल*
विश्राम सागर ग्रंथ के अनुसार कार्तिक बदी चतुर्दशी वारा। शनि के दिन भये पवन कुमारा। हनुमान जी का जन्म कार्तिक महा कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को हुआ था। वही क्षेपक रामायण के अनुसार हनुमान जी का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा- पाठ, आराधना करने से बल- बुद्धि और विद्या का विकास शीघ्रता से होता है। हनुमान जी का जन्म मेष लग्न में हुआ था। इस बार मेष लग्न शाम 4:35 से शुरू होगी और 6:10 तक रहेगी। इस लग्न के स्वामी भी मंगल ग्रह है। इस दौरान दीपदान और हनुमान जी की पूजा चमत्कारिक फल देगी।