मुजस्सिम खान
रामपुर के सपा सांसद आजम खान अपने छोटे बेटे एवं निवर्तमान विधायक अब्दुल्लाह आजम के साथ अदालत में चल रहे कई मामलों मैं काफी समय से जेल की सलाखों के पीछे बंद है और वही 2022 के विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है ऐसे में जहां प्रमुख राजनीतिक दल अपने-अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारे जाने को लेकर माथापच्ची कर रहे हैं तो वही आजम खान की पुत्रवधू सिदरा अदीब , अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो विधानसभा का चुनाव लड़ सकती हैं ऐसा इशारा उन्होंने मीडिया से रूबरू होने के बाद दिया है ।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान रामपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं उनकी पत्नी डॉ तंजीम फातिमा यहीं से शहर विधायक हैं तो वही उनके छोटे बेटे अब्दुल्लाह आजम जनपद की स्वार टांडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे हालांकि दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में उनकी विधायक की चली गई अब 2022 मैं उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों ने जिसको लेकर सियासी घराने पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं इन दिनों आजम खान को जेल से बाहर लाने की अदालत में अधिवक्ताओं के माध्यम से कानूनी लड़ाई चल रही है अगर चुनाव के समय तक आदम खान का जेल से बाहर आना ना हुआ तो ऐसे में उनकी गैरमौजूदगी में उनकी इस सियासी विरासत को कौन संभालेगा यह सवाल अपने आप में अहम है । हालांकि इस सवाल का जवाब आप कुछ हद तक मिलता दिखाई दे रहा है इसका कारण यह है कि उनकी गैरमौजूदगी में उनके बड़े बेटे अदीव आजम खान की पत्नी सिदरा अदीब मीडिया से मुखातिब होकर अपने ससुर आजम खान की सियासी विरासत को मौका मिलने पर संभालने की इच्छा जताई है ।
सिदरा अदीब आजम खान के मुताबिक देखिए कार्रवाई में देर तो हो रही है जिस तरीके से जो 40 साल पुराने ही इज वन आफ द फाउंडर मेंबर आफ समाजवादी पार्टी आल्सो तो उसके हिसाब से देखा जाए तो कार्रवाई में बहुत देर हो रही है मैं यह मानती हो कि सियासी रंजिश है काबिल लीडर है रामपुर के बहुत पुराने हैं और ज़ाहिर सी बात हैं एक बहुत बड़ी यूनिवर्सिटी उन्होंने खड़ी करी है जो आज के जमाने में इंसान सोचेगा लेकिन उन्होंने मुस्लिम लीडर होने के नाते उन्होंने नही हिंदू नही मुस्लिम ये सोच कर हर उस बच्चे के लिए वो यूनिवर्सिटी खड़ी करी है जो रामपुर के बाहर नहीं जा सकते हैं।
देखिए अभी तो मुकदमे कुछ नहीं कह सकते कि कब तक चलेंगे या कितना लंबा और टाइम खींचेगा बस पॉजिटिव है और उम्मीद अच्छी है अच्छा होगा इंशाल्लाह। देखिए इतना बड़ा लीडर भैंस चोर नहीं हो सकता और ना ही बकरी चोर हो सकता है और ना ही किताब चोर हो सकता है जिस लीडर में इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी खड़ी कर दी उनकी यूनिवर्सिटी से किताबें ऐसे लेकर गए हैं प्रशासन जैसे चोर के घर से खजाना पकड़ा है इसके पीछे सियासी रंजिश है और कुछ नहीं हो सकता। बहुत बड़े लीडर है अभी के नहीं है 40 साल पुराने हैं और बहुत बड़ी पार्टी के लीडर हैं और नेता जी का साथ उनके साथ बहुत पुराना रहा है तो पॉलिटिकल ही है यह सब कुछ। जी अखिलेश जी ने बहुत साथ दिया है ऐसा नहीं है सुनने में आता है कि उन्होंने साथ नहीं दिया है लेकिन नहीं उन्होंने साथ दिया है हमारा। देखिए चुनाव वक्त पर देखेंगे क्या रहता है शायद उम्मीद तो यही है इंशाल्लाह कि आजम खान साहब जल्दी आ जाएंगे बाहर। जी इंशाल्लाह जरुर निभाएंगे अपने रामपुर के लोगों के लिए खिदमते खल्क उनके लिए मदद उनके लिए तरक्की डेवलपमेंट के लिए सोचा जाएगा बिल्कुल। इंशाअल्लाह बब्बा के साथ हूं मैं, वक्त पर देखते हैं क्या रहता है वक्त पर देखेंगे इंशाल्लाह उम्मीद पर दुनिया कायम है देखते हैं क्या रहता है हालात ठीक नहीं है केसेस अभी भी हैं और देखते हैं क्या रहता है।