बरेली।
मौलाना रजवी ने कहा कि भारत हमेशा से फिलिस्तीन के साथ सहानुभूति रखता आया है और उसकी नीति रही है कि किसी भी विवाद का हल बातचीत और समझौते से निकाला जाए। उन्होंने कहा कि युद्ध और हिंसा से कभी भी शांति स्थापित नहीं होती, बल्कि इससे मानवता को नुकसान पहुंचता है।
उन्होंने यासिर अराफात की नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि अराफात ने हमेशा शांति, कूटनीति और संवाद का रास्ता अपनाया। आज जरूरत है कि फिलिस्तीनी नेतृत्व भी उसी नीति पर लौटे ताकि शांति बहाली हो सके और निर्दोषों का खून बहने से रोका जा सके।
मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने कहा कि इस्लाम शांति और भाईचारे का पैगाम देता है। किसी भी धर्म में निर्दोषों की हत्या की अनुमति नहीं है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह फिलिस्तीन-इजरायल विवाद पर गंभीरता से हस्तक्षेप करे और स्थायी शांति के लिए ठोस पहल करे।
उन्होंने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश को मध्य पूर्व में शांति प्रयासों में सहयोग देना चाहिए ताकि मानवीय संकट खत्म हो और दोनों देशों के बीच भरोसे का पुल बनाया जा सके।
मौलाना रजवी ने कहा कि आज जरूरत है यासिर अराफात की शांति नीति को फिर से अपनाने की, जिससे क्षेत्र में सद्भाव, स्थिरता और संवाद की राह खोली जा सके।
