-यश वैभव संपदा वृद्धि दायक रहेगी अक्षय तृतीया -स्वयं सिद्ध और अबूझ मुहूर्त के चलते इस दिन भारी संख्या में होंगी शादियां,
बरेली। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में मनाई जाने वाली अक्षय तृतीया इस बार 22 अप्रैल शनिवार में मनाई जाएगी। क्योंकि अग्रिम दिन उदया तिथि रविवार में 6 घटी से भी कम है। इस दिन महायोगो के अद्भुत संयोग बन रहे हैं। जो विशेष रुप से यश, वैभव, धन- संपदा कारक है। तृतीया तिथि का मान 22 अप्रैल प्रातः शनिवार को प्रातः काल 7:49 से अगले दिन सुबह 7:47 तक रहेगा। अक्षय तृतीया वर्ष भर के साढे तीन स्वयं सिद्ध मुहूर्त में से एक मुहूर्त माना जाता है। इसे अबूझ मुहूर्त भी कहते हैं। विवाह आदि कोई भी मंगल कार्य इस दिन बिना पूछे कर सकते है। इसलिए सर्वाधिक शादियां इसी दिन होती हैं। इस दिन भगवान परशुराम जयंती भी धूमधाम से मनाई जाती है।इस दिन नया कार्य प्रारंभ करने से हमेशा विजय प्राप्त होती है।इस दिन भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। सोना- चांदी, बर्तन खरीदना बहुत ही शुभ दायक माना जाता है। साथ ही दान पुण्य का भी महत्व इस दिन सबसे ज्यादा होता है। अक्षय का अर्थ है जो कभी क्षय न हो । इसलिए इस पर्व का सर्वाधिक महत्व माना गया है।
*-वैज्ञानिक ऊर्जा का रूपांतरण है दान*
अंक ज्योतिष के अनुसार 3 को अविभाज्य यानी अक्षय माना जाता है। इसलिए अक्षय तृतीया का महत्व कुछ ज्यादा होता है। इसका अर्थ यह है कि इस दिन किया गया दान अविभाज्य यानी अक्षय है। दान को वैज्ञानिक ऊर्जा के रूपांतरण से जोड़ कर देखा जा सकता है। यानी यह दिन दुर्भाग्य को सौभाग्य में परिवर्तित करने का सर्वश्रेष्ठ दिन है।
*यह रहेंगे मंगलकारी ‘महायोग’*
अक्षय तृतीया के दिन कई मंगलकारी महायोग बन रहे हैं, इस दिनआयुष्मान योग प्रात:काल से लेकर सुबह 09 बजकर 26 मिनट तक है, उसके बाद से सौभाग्य योग प्रारंभ होगा, जो पूरी रात रहेगा।तृतीया पर त्रिपुष्कर योग सुबह 05 बजकर 49 मिनट से सुबह 07 बजकर 49 मिनट तक है. रवि योग रात में 11 बजकर 24 मिनट से अगली सुबह 05 बजकर 48 मिनट तक है. इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग रात 11 बजकर 24 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। साथ ही इस दिन चंद्रमा भी उच्च राशि में होंगे। जो किसी कार्य के लिए बेहद ही ऊर्जा कारक माने जाते हैं।
और धन, समृद्धि और निवेश के लिए बहुत ही शुभ फलदायी है।
*अक्षय तृतीया की विशेषता*
अक्षय तृतीया अन्य त्योहारो से काफी भिन्न होता है। इस त्योहार की पुजा विशेष ढंग से की जाती है। इस दिन को नए कार्य को करने के लिए भाग्यशाली माना जाता है। इसलिए इस दिन अनेक लोग अपनी शादी इसी दिन करते है।इस दिन किया गया कार्य शुभ होता है। इसलिए इस दिन लोग अनेक नई-नई गड़िया खरीदते है। इस दिन दान करने का सबसे बड़ा दिन कहा जाता है। इस दिन किया गया दान अक्षय फल की प्राप्ति कराता है
इस दिन हमे गरीबो को भोजन करवाना चाहिए। गरीबो को भोजन देने से अगले जन्म मे अच्छा जीवन मिलता है। इस दिन किए गए कार्य को धन कि देवी माता लक्ष्मी जी देखती है।जो इस दिन अच्छा कार्य करता है। उस पर लक्ष्मी जी मेहरबान होती है। तथा उसे धनवान बना देती है। माना जाता है। कि इस दिन भगवान हमारी सभी इच्छाओ की पूर्ति करते है।