- बरेली । फरीदपुर में तैनात रहे लेखपाल मनीष कश्यप की हत्या के बाद मिले शव पर शक जताते हुए पुलिस के आलाधिकारियों से डीएनए जांच की मांग की थी । इसी मांग को एसएसपी बरेली ने मानते हुए हैदराबाद की फोरेंसिक लैब से कराने पर अपनी सहमति दी है।पहले यह जांच मुरादाबाद फोरेंसिक लैब से होनी थी , पर परिवार के मुरादाबाद की लैब पर शक जताते हुए डीएनए कराने से मना कर दिया था । अब यह जांच अब हैदराबाद से होगी।
यह रिपोर्ट 15 दिन के अंदर आने की उम्मीद है। जिला अस्पताल में मनीष कश्यप और उसके बेटे का ब्लड टेस्ट डीएनए के लिया गया है। हालांकि पुलिस पहले ही दो लोगों की गिरफ्तारी करके खुलासा कर चुकी है। पिछले दिनों कैंट पुलिस ने एक नर कंकाल बरामद किया था जिसे सबूतों के आधार पर लेखपाल मनीष कश्यप का बताया गया पर मनीष की माँ और पत्नी उस शव को मनीष का मानने को तैयार नहीं है।
थाना बहेड़ी के कानून गोयान के मूल निवासी मनीष की माँ मोरकली पत्नी स्व हरीश चन्द्र ने बताया कि तीन वर्ष से बुखारा रोड की अमरनाथ कॉलोनी में रह रहे हैं। और मनीष फरीदपुर में लेखपाल की नौकरी करता था जो काफी समय से गायब था । पुलिस ने 27 नवंबर को उसका कंकाल बरामद किया था । बरामद कंकाल उसके बेटे का नहीं है। , इसको लेकर उन्होंने डीएनए जाँच की माँग की थी।
आज लेखपाल मनीष की मां मोरकली एवं मनीष के 5 वर्षीय पुत्र हर्षवर्धन का दोबारा डीएनए लेकर जांच के लिए हैदराबाद भेजा गया है। परिवार ने बताया कि दो आरोपियों को पुलिस ने जेल भेजा है जबकि बाकी अभी पुलिस की हिरासत में नहीं है। इसलिए उन्हें अपनी जान का खतरा बना हुआ है पीड़ित परिवार में पुलिस से अन्य लोगों को गिरफ्तार कर सुरक्षा की मांग की है।

Author: newsvoxindia
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