बरेली। छुट्टा पशु की समस्या से किसान लगातार हलकान है। हालांकि कई लोग सूबे में आवारा पशुओं के हमले में अपनी जान गंवा चुके है। किसानों ने समय समय पर अपने हिसाब से विरोध भी जताया है। विपक्ष भी छुट्टा पशुओं के मामले में सरकार को घेर चुका है।इसी क्रम में बरेली के आंवला तहसील के गांव पिपरिया उपराला में देखने को उस समय मिली जब यूपी सरकार के पशुधन मंत्री धर्मपाल सरकारी कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे थे।किसानों ने पशुधन मंत्री के काफिले के आगे सैकड़ों गाय खड़ी कर दी जिससे हड़कंप मच गया। मौके पर मौजूद एसडीएम और पुलिसकर्मियों से ग्रामीणों की नोक झोंक हो गई। जिसके बाद पशुधन मंत्री अपनी गाड़ी से उतरे और किसानों को समझाया तब जाकर किसानों ने रास्ता खाली किया।
मंत्री धर्मपाल सिंह ने इस घटना को साजिश बताया है और जांच कराने की बात कही है। वही अखिलेश यादव के छुट्टा पशुओं वाले बयान पर पलटवार भी किया है।जानकारी के मुताबिक पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह और अपर मुख्य सचिव आज आंवला में पॉली क्लिनिक की नीव रखने जा रहे थे। उनके साथ कई बड़े अफसरों की गाड़ियां भी काफिले में मौजूद थी। इस बीच पिपरिया उपराला गांव के पास जैसे ही मंत्री जी का काफिला पहुंचा तो अचानक से ग्रामीण सैकड़ों गाय और गौवंश लेकर काफिले के सामने आ गए। करीब 40 मिनट तक हंगामा होता रहा। जिसके बाद मंत्री जी ने लोगो को समझा बुझाकर शांत किया और उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही छुट्टा पशुओं से उन्हे छुटकारा मिलेगा। तब जाकर काफिले के सामने से गौवंशों को हटाया ।
पत्रकारों से बातचीत में धर्मपाल सिंह ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि छुट्टा पशु अखिलेश यादव के लिए होंगे हमारे लिए निराश्रित गौवंश है। प्रदेश में ऐसे पशुपालक जो गाय दूध नहीं देती है उनको छोड़ देते हैं। आज भी सोची समझी साजिश के तहत खेतों में से गाय को पकड़ कर मार मार कर उनके काफिले के आगे लाया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि योगी सरकार की प्राथमिकता गोवंश है। सपा बसपा की सरकार में किसान बाहर सोता था पशुओं को अंदर ताले में बंद रखता था। और गाय के तस्कर कसाई सोना चांदी की चोरी नहीं करते थे गाय की चोरी करते थे। आज योगी सरकार में कानून का राज तो है ही गोवंश का भी राज है।