बरेली। जिला कृषि रक्षा अधिकारी श्रीमती अर्चना प्रकाश वर्मा ने बताया कि फॉल आर्मी वर्म कीट मक्का, ज्वार, बाजरा, धान, गेहूँ तथा गन्ना आदि फसलों को नुकसान पहुॅचाता है। कीट के रोकथाम पहचान के लिये कीट के लार्वा अवस्था में पीठ के नीचे पतली सफेद धारियां और सिर पर एक अलग सफेद उल्टा अंग्रेज़ी शब्द (Y) दिखता है।
यह कीट फसल की लगभग सभी अवस्थाओं में नुकसान पहुंचाते हैं। रोग थाम के उपाय- फसल की बुवाई से पहले गहरी जुताई करें, मक्का की खेती के साथ किसी दलहनी फसल की सहफसली खेती अपनायें, अण्ड परजीवी 01 से 05 ट्राईकोग्रामा कार्ड प्रति एकड़ के हिसाब से पौधे के तने में बांधें, फसल की प्रारम्भिक अवस्था में सांयकाल (07 बजे से 09 बजे तक) 03 से 04 संख्या में प्रकाश प्रपंच एवं 08 से 10 संख्या में वार्ड परचर टी (T) आकार के डण्डे जिस पर चिड़िया बैठ सकें प्रति एकड़ की दर से लगाना चाहिए, रासायनिक नियंत्रण हेतु क्लोरेट्रानिलीप्रोल 18.5 प्रति एस0सी0 (कोराजिन) की 400 मि0ली0 अथवा थायोमेथावसाम 12.6 प्रति+लैम्बडा साईहैलोथ्रिन 9.5 प्रति जेट0सी0 की कीमत 250 एल0एल0 मात्रा को 800 से 1000 ली0 पानी में घोलकर प्रति हेक्टर की दर से भूहा (Tassel) की अवस्था में पहले छिड़काव करें। इसके अतिरिक्त विकास खण्ड स्तर पर स्थित कृषि रक्षा इकाई पर सम्पर्क कर कृषि से सम्बन्धित कीट/रोगों की समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।