शीशगढ़। कस्वे से सटे ग्राम गिरधरपुर के ग्रामीण आज भी विकास की बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। करीब चार हजार की आबादी वाले इस गांव की प्रमुख सड़क बदहाली की मिसाल बनी हुई है। यह मुख्य मार्ग पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुका है, जिससे होकर ग्रामीणों का निकलना मजबूरी बन गया है।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि यह गांव का मुख्य मार्ग है जो अक्सर बारिश के मौसम में कीचड़ में डूब जाता है। भाजपा नेता रामौतार मौर्य ने जानकारी दी कि यह सड़क वर्ष 1997 में तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख द्वारा बनवाई गई थी, लेकिन मरम्मत के अभाव में यह धीरे-धीरे जर्जर होती गई और अब पूरी तरह गड्ढा युक्त हो गई है।
ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों से सड़क की मरम्मत की मांग की, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिले, काम नहीं हुआ। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि यही सड़क गांव के तीन प्रमुख मंदिरों तक जाती है। अब जब श्रावण मास आरंभ हो चुका है, तो इसी रास्ते से कांवड़ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को गुजरना होगा, जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
ग्राम प्रधान प्रेमवती ने भी माना कि यह सड़क ग्राम पंचायत की सीमा से बाहर की लागत में आती है और इसे बनवाने के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों से शिकायत की जा चुकी है, लेकिन अब तक किसी ने ध्यान नहीं दिया।
ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन इस मामले पर तत्काल संज्ञान ले और सड़क मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के आधार पर शुरू करवाए, ताकि कांवड़ यात्रियों और गांववासियों को राहत मिल सके।
