कमलेश शर्मा
वर्ष 2000 में जेपी दत्ता की आई फिल्म रिफ्यूजी के गीत पंछी नदियां हवा के झोके , कोई सरहद ना कोई रोके , यह एक फ़िल्म का गीत नहीं बल्कि बदलते हुए दौर में कई जोड़ों की कहानियां है , जहां कई महिलाओं ने प्यार में ना केवल सरहद को पार किया बल्कि धर्म परिवर्तन करके अपने प्यार को पाया।ऐसा ही एक मामला यूपी के शाहजहांपुर में देखने को मिला है जहां साउथ कोरिया की एक युवती किम बोह शाहजहांपुर पहुंच गई। किम ने यहां पहुंचकर अपने प्रेमी सुखजीत सिंह के साथ सिक्ख रीति रिवाज से शादी रचाई है। और अपने पति के परिजनों का आशीर्वाद लिया।
साउथ कोरियन बहू को भारतीय संस्कार और रीति रिवाज खूब भा रहे हैं। दोनों के बीच काफी रेस्टोरेंट में 2 साल पहले साउथ कोरिया में प्यार हुआ था। किम के पति सुखजीत सिंह अपनी कोरियन बहू के साथ कोरिया में ही सेटल होना चाहते हैं।
शाहजहांपुर के पुवायां तहसील के उदना गांव के रहने वाले सुखजीत ने 2 दिन पहले ही अपनी प्रेमिका से सिक्ख रीति रिवाज से गुरुद्वारे में शादी रचाई है। किम बोह नी को हाथों की मेहंदी, चूड़ी और देसी पहनावा खूब पसंद आ रहा है। लड़के के परिजनों के मुताबिक सुखजीत सिंह 6 साल पहले साउथ कोरिया के बुसान शहर में नौकरी करने गए थे। यहां वह एक कॉफी रेस्टोरेंट में नौकरी करते थे। उस दिनों के बाद उसी रेस्टोरेंट में 23 साल किम बोह नी भी बिलिंग काउंटर पर नौकरी करने आई थी। दोनों के बीच में प्यार हो गया। साउथ कोरिया की इस लड़की को सुखजीत से बेइंतेहा प्यार करने लगी। इसी बीच सुखजीत सिंह 6 महीने के लिए हिंदुस्तान अपने घर पर आया हुआ था। जब अपनी प्रेमी की दूरी सहन नहीं कर पाई तो वह साउथ कोरिया से दिल्ली आ गई। और वहां से अपने एक दिल्ली के दोस्त के साथ शाहजहांपुर सुखजीत के घर पहुंच गई। किम बोह नी को अपने घर देखकर सुखजीत सिंह का भी खुशी का ठिकाना ना रहा। 2 दिन पहले सुखजीत सिंह ने अपनी कोरियन दोस्त से गुरुद्वारे में धूमधाम से शादी की।
किम इनदिनों सुखजीत सिंह के फार्म हाउस पर रह रही है। जहां उन्हें देसी कच्ची सड़कें, धान की खेती और यहां के लोग खूब भा रहे हैं। कोरियन बहू अब यह बेहद खुश है। सुखजीत सिंह का कहना है कि अब्बू अपनी कोरियन बहू के साथ साउथ कोरिया में ही किम बोह के साथ हमेशा के लिए बसना चाहते हैं।
हालांकि किम बोह नी 3 महीने के टूरिस्ट वीजा पर भारत आई है। उनका डेढ़ महीना भारत में बीत चुका है। एक महीने के बाद वह साउथ कोरिया वापस लौट जाएंगी। जबकि सुखजीत सिंह भी 3 महीने बाद साउथ कोरिया पहुंच जाएंगे। परिवार के लोग साउथ कोरियन बहू को पाकर बहुत खुश हैं। सुरजीत सिंह की मां का कहना है कि वह चाहती हैं कि उनकी बहू भारत में रहे। लेकिन उनके लिए उनके बेटे सुखजीत की खुशी से बढ़कर कुछ भी नहीं है।