वॉशिंगटन, एजेंसी
अमेरिका ने कहा कि अल-कायदा के मारे गए सरगना अयमान अल जवाहिरी के शव का डीएनए टेस्ट नहीं कराया जाएगा। ऐसे सबूत हैं, जो जवाहिरी के मारे जाने की पुष्टि करते हैं। इसलिए अमेरिका नहीं समझता कि जवाहिरी की मौत को लेकर किसी को कोई शक होना चाहिए।
अमेरिका काबुल में उसका 6 महीने से पीछा कर रहा था। जवाहिरी पर हेलफायर मिसाइल दागी गई। वो अमेरिका में 9/11 हमलों का गुनहगार था। 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद जवाहिरी अल-कायदा की कमान संभाल रहा था। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने अब तक जवाहिरी के मारे जाने की पुष्टि नहीं की है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा- हमारी एजेंसियों ने कई मेथड्स इस्तेमाल किए जिससे पुख्ता है कि अब अफगानिस्तान में अल-कायदा का कोई और सरगना नहीं बचा।
यह ड्रोन स्ट्राइक अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की स्पेशल टीम ने की। जवाहिरी अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने के बाद से ही काबुल में रह रहा था। वहीं, अमेरिकी कार्रवाई पर तालिबान भड़क गया है और इसे दोहा समझौते का उल्लंघन बताया। अमेरिका के ऐलान के बाद किसी देश ने दो दिन गुजर जाने के बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इनमें भारत भी शामिल है।
बाइडेन ने खुद की थी अलकायदा सरगना के मारे जाने की पुष्टि
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अल जवाहिरी के मारे जाने के बाद राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा- हमने जवाहिरी को ढूंढकर मार दिया है। अमेरिका और यहां के लोगों के लिए जो भी खतरा बनेगा, हम उसे नहीं छोड़ेंगे। हम आतंक पर अफगानिस्तान में अटैक जारी रखेंगे।