बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में कड़ी सुरक्षा के बीच 164 वर्षो से चली जा रही रामबारात बमनपुरी से निकाली गई जिसमें हजारों की संख्या में हुरियारे शामिल हुए। हुरियारों में जमकर मुकाबला हुआ। कोई भी हुरियारा रंगों की लड़ाई में पीछे नहीं रहना चाहता था। जानकारी के मुताबिक रामबारात जिन मुस्लिम क्षेत्रों से बारात निकली वहां मुस्लिम समाज ने पुष्पवर्षा करके रामबारात का स्वागत किया।
इस राम बारात के बारे मे यह भी कहा जाता है होली के अवसर पर बरेली में ही राम बारात निकाली जाती है । यह परम्परा करीब 164 वर्षों से चली आ रही है हालांकि कोरोना काल मे यह क्रम जरूर टूटा था पर यह परंपरा अब नए जोश खरोश के बीच जारी है।शहर में राम बारात वमनपुरी से शुरू हो कर शहर के कई इलाको से निकली ।राम बारात में लोगो ने जमकर रंग अबीर गुलाल की बर्षा की ।
बरेली में निकलने वाली रामबरात गंगा जमुनी तहजीब की भी एक मिसाल भी मानी जाती है। शहर के वरिष्ठ पत्रकार जनार्दन आचार्य बताते है कि बरेली में होली पर रामबारात निकालने की परंपरा बहुत पुरानी है। इस रामबारात में हजारों की संख्या में हुरियारे शामिल होकर रंगों की बरसात करते है ।और सबका ध्यान अपनी ओर खींचने के।लिए नए नए रूप में दिखाई देते है।
रामबारात का सभी मजहब के लोग स्वागत करते है। वहीं प्रशासन ने रामबारात के दौरान कोई बवाल ना हो इसके लिए भारी तादात में पुलिस फ़ोर्स के साथ पीएसी और पैरामिलेट्री भी तैनात की है ।आपको बता दे इस बार रामबारात में युवा अपने अलग रंग में दिखे , कोई युवा खराब एलईडी टीवी तो कोई सिर पर झाड़ू का ताज धारण करके तो कोई महिलाओं के कपड़े पहनकर रामबारात में पहुंचा।वहीं स्थानीय लोग भी बरेली की रामबारात को लेकर बेहद उत्साहित दिखाई दिए।