भीम मनोहर
बरेली। मीरगंज तहसील के शाही -शीशगढ़ थाने क्षेत्र में 9 महिलाओं हत्या का मामला पूरे देश में इस लेकर चर्चा पकड़ा हुआ था कि यहां एक ऐसा साइको किलर है जो केवल महिलाओं को अपना शिकार बनाता है। पिछले करीब एक साल 13 महीने से इन दोनों क्षेत्रों में कुछ अंतराल पर हत्या कर रहा है। लेकिन बरेली पुलिस लाख कोशिश के बाद हत्यारे को तलाश नहीं पा रही है। जिसके चलते कई थानाध्यक्षों को अपनी कुर्सी गंवाना पड़ रही है। बरेली पुलिस ने बीते शुक्रवार की सुबह साइको एक किलर को गिरफ्तार लिया। इसके बाद बरेली पुलिस ने साइको किलर कुलदीप के बारे में जो जानकारी दी वह काफी दिलचस्प है। आखिर बरेली पुलिस ने बताया की किस तरह वह साइको किलर तक पहुंची।
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सुंदर लड़की की फोटो और शादी ऑफर से खुल गया रहस्य
बरेली शाही पुलिस साइको किलर को पकड़ने लिए लगातार प्रयास में जारी थी। पुलिस को जो भी क्षेत्रवासियों से इनपुट मिल रहे थे उन पर जरूर काम किया जा रहा था। इस बीच शाही पुलिस की एक यंग टीम ने घटना के खुलासे के लिए एकदम नया प्रयास शुरू कर रही थी। शाही पुलिस आदमी मानसिक स्थिति काम कर रही थी। इसी दौरान जब शाही पुलिस अपने ऑपरेशन तलाश जुटी थी इसी बीच पुलिस एक संदिग्ध की जानकारी मिली। जब पुलिस की टीम बताई चाय की दुकान पहुंची वहां कुलदीप से उनकी मुलाकात हो गई। पुलिस के जवानों ने कुलदीप की मनोस्थिति समझकर बात करने शुरू की और एक सुन्दर लड़की की मोबाइल में फोटो दिखाकर शादी का ऑफर दिया तो कुलदीप पुलिस की बात में आ गया और वह मित्रवत व्यवहार करने लगा। इसके बाद पुलिस ने कुलदीप से सवाल किये तो उसने क्षेत्र में तीन महिलाओं की हत्या की बात स्वीकार कर ली। बाद में थाने पर आकर अन्य तीन घटनाओं को और स्वीकार लिया। जानकारी के मुताबिक जब पुलिस कुलदीप को अपने ट्रेप में लिया तब पुलिसकर्मियों ने जरूरत के मुताबिक पंडित बनने से लेकर लड़की के भाई बनने तक की भूमिका निभाई थी।
पुलिस को साइको किलर साथ एक थाली खाना पड़ा खाना
बरेली पुलिस से साइको किलर से किसी बात को निकाल पाना बड़ा मुश्किल था। इसलिए शाही पुलिस ने कुलदीप के साथ दोस्ताना व्यवहार किया और उसके कबूलनामे के लिए एक थाली में खाना खाने भी पड़ा। बताया यह भी जा रहा है कि इस दौरान जब पुलिसकर्मी कुलदीप का कहना नहीं मानने पर अब तुरंत हाईपर हो जाता था। हालांकि कुलदीप को पुलिस ने गिरफ्तार किया था उसे हवालात में नहीं रखा था।
चैनल के रिपोर्टर भी बने पुलिसकर्मी
पुलिस से जुड़े लोग बताते है कि बरेली जिले के इतिहास में सीरियल किलर से जुड़ा पहला मामला आया था। पिछले एक साल से पुलिस पर महिलाओं की हत्या का खुलासे का दवाब था ।इसलिए पुलिस ने एक राष्ट्रीय चैनल का रिपोर्टर बनके लोगों से पड़ताल की थी ताकि लोग जो बात पुलिस को नहीं बता पाते है वह मीडिया से अपनी बात कह देते है।
स्कैच देखकर थाने आये व्यक्ति ने पुलिस की राह बनाई थी आसान
स्थानीय रिपोर्टर बताते है कि पुलिस को घटना के समय उस समय बड़ी लीड मिल गई थी ,जब किसी व्यक्ति ने कुलदीप का स्कैच देखकर इसके देखने पुष्टि की थी साथ उसने पुलिस बताया था कि कुलदीप ने उसकी बहू के साथ घटना करने का प्रयास किया था जिसमें वह बच गई थी। इसके बाद पुलिस को कुलदीप के घटना में होने की पुष्टि हो चुकी थी।
कुंवारे और क्षेत्र में कभी दिखने वाले लोगों का पुलिस बनाया रिकॉर्ड
शाही पुलिस ने केस के खुलासे के लिए क्षेत्र के गांवों में जाकर गांव वाले बितासी और अन्य तरीके के सामान बेचने वालों के साथ जिनका विवाह नहीं हुआ था उनका भी रिकॉर्ड भी बनाया था। जिससे वह महिलाओं के कातिल तक पहुंच सके।
गला दबाकर सभी महिलाओं की हुई थी हत्या
केस से जुड़े लोग बताते है कि कुलदीप महिलाओं से सीधे संबंध बनाने के लिए कहता था ,जब महिलाएं शारीरिक संबंध बनाने से इंकार कर दिया करती थी तब वह आक्रोशित होकर महिलाओं का पीछे से चुनरी या कपड़े की मदद से गला दबाकर हत्या को अंजाम दे दिया करता था। कुलदीप ने अभी तक जो हत्या की थी उन महिलाओं की उम्र 45 से 60 वर्ष की उम्र की रही थी।
रामपुर के मिल्क में हत्या के मामले में आया था पहला स्कैच
जानकर बताते कि जब वह जिले में महिलाओं की हत्याओं मामले सामने आ रहे तब पड़ोसी जिले रामपुर के मिल्क में सेम पैटर्न पर एक महिला हत्या हुई थी। इस हत्या के संबंध में स्कैच जारी हुआ था पर वह स्कैच कुलदीप से मैच करता हुआ नहीं था।
पुलिस के खुलासे में यहां है दम
बरेली पुलिस ने साइको किलर का खुलासा किया तो सवाल परिवार उठाये की कुलदीप 10 रूपए नामा सही से गिन नहीं सकता तो वह 6 महिलाओं की हत्या कैसे कर सकता है। पुलिस की थ्योरी मुताबिक कुलदीप को जब गिरफ्तार किया गया तभी उसने दोस्ताना व्यवहार महिलाओं के हत्या की बात स्वीकार ली थी खुद ही उन घटनास्थलों पर ले गया जहां उसने वारदातों को अंजाम दिया था।
कुलदीप की पड़ोसी गांव में हुई थी शादी
कुलदीप की शादी नवाबगंज के गांव बाकरगंज से सटे भानपुर में थी। उसकी पत्नी के साथ चार साल तक उसके साथ रही। उसने कुलदीप के साथ एडजस्ट करने की कोशिश की पर वह उसमें सफल नहीं हो सकी। बाद में कुलदीप की पत्नी ने नवाबगंज के किसी गांव में शादी कर ली। आज उसका सुखी परिवार होने के उसके दो बच्चें होने की खबर भी है।
क्या कुलदीप 20 सालों से मां बाप के अलगाव से था परेशान
कुलदीप के जीवन की सबसे बड़ी त्राशदी यह भी है कि उसके मां बाप एक दूसरे से करीब 20 साल पहले गए थे। इस केस में कहा यह भी गया कि परिवार में उसका पिता अपनी पहली पत्नी को दूसरी पत्नी के चक्कर में पीटता था जिसका असर कुलदीप के जीवन पर हो गया था। वहीं कुलदीप के पिता बताते है कि उनके और उनकी पहली बीच समझौता हो गया और उन्होंने अपनी पहली पत्नी को एक घर खरीदकर नवाबगंज दिया था। लेकिन जो बातें उनके और उनकी दूसरी पत्नी के बारे में कही जा रही वह गलत है।
पुलिस का आपसी संवाद और टीम वर्क ने दिलाई बड़ी सफलता
नवागत एसएसपी अनुराग आर्य घटना के खुलासे के लिए एक वॉर रूम तैयार करवाया था। जहां केस से सम्बंधित प्रगति जानने और जरुरी निर्देश दिए जाते थे। पहली बार इस केश पुलिस ने भले ही 1.5 लाख मोबाइल नम्बरों को रडार पर लिया था पर पुलिसकर्मी को यह भी निर्देश था कि पुरानी थीम से हटकर सोचें इसके बाद पुलिस को बड़ी सफलता मिली।