विशिष्ट योगों के संयोग में मनेगी सकट चौथ,

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आचार्य मुकेश मिश्रा

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बरेली। हिंदू धर्म में चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है। लेकिन माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का महत्व सबसे ज्यादा माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजा -पाठ से भगवान गणेश जीवन में सभी तरह की बाधाओं को दूर करते हैं। माघ महीने की सकट चौथ को व्रत मुख्य रूप से महिलाएं संतान की लंबी आयु की कामना के लिए करती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सभी तरह के संकट मिट जाते हैं। और जीवन में सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस चतुर्थी पर पूजन व्रत करने से संतान दीर्घायु, शतायु, निरोगी और धन -संपदा से संपन्न होती है।

 

इस चतुर्थी में तिल का प्रयोग किया जाता है। इसलिए इस पर्व को तिलकुट चतुर्थी, माघ चौथ, सकट चौथ, लंबोदर चतुर्थी आदि नामों से जाना जाता है। इस बार यह पर्व 10 जनवरी मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। सबसे खास बात यह है ज्योतिषाचार्य पंडित मुकेश मिश्रा के अनुसार यह पर्व कई विशिष्ट संयोगों को संजोए हुए हैं। इस पर्व पर सर्वार्थ सिद्धि योग, प्रीत योग आयुष्मान योग जैसे संयोग बन रहे हैं। इसलिए इस बार त्योहार का महत्व कई गुना अधिक बढ़ गया है। जिस कारण भगवान गणेश की भक्तों के ऊपर असीम कृपा बरसेगी।ऐसे में इस दिन व्रत- पूजन विधि- विधान से करने से अत्यधिक लाभ होगा और संतान के प्रति सभी मनोकामना पूर्ण होगी।

 

बता दें, सर्वार्थ सिद्धि योग प्रातः 7:15 से प्रारंभ होगा और 9:00 बजे तक रहेगा। वही, प्रीति योग सूर्योदय से ही प्रारंभ हो जाएगा। जो मध्यान्ह 11:30 तक रहेगा। आयुष्मान योग मध्यान्ह 11:20 से पूरे दिन व्याप्त रहेगा। चंद्रमा उदय रात्रि 8:32 पर होगा। इस पर्व पर चंद्रोदय के समय पर ही चंद्रमा को धूप, दीप अर्घ्य दिया जाता है इसके बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने त्रिशूल से बढ़कर भगवान गणेश की गर्दन धड़ से अलग कर दी। अंततः माता पार्वती की बात मानते हुए भगवान गणेश जी को शिव जी ने जीवनदान दिया और गणेश जी की गर्दन की जगह एक हाथी के बच्चे का सिर भोलेनाथ ने गणेश जी के धड़ में जोड़ दिया उसी दिन से सभी महिलाएं अपने बच्चों के सलामती के लिए गणेश चतुर्थी का व्रत रखती हैं।

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Author: newsvoxindia

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