बरेली ।आला हजरत और ताजुश्शरिया ताउम्र बच्चों को तालीम दिलाने के मिशन में निरंतर लगे रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बेहतर शिक्षा और चिकित्सा पर लगातर जोर दे रहे हैं। महापुरुषों से प्रेरित होकर आला हजरत ताजुश्शरिया सोसाइटी के संस्थापक और जमात रजा मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ फरमान हसन खान (फरमान मियां) बच्चों को तालीम दिलाने और मजलूमों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के मिशन में जुटे हैं। उनके इस मिशन में जाति-धर्म का कोई बंधन नहीं है। वह अब तक 1700 से अधिक लोगों का नि:शुल्क ऑपरेशन करा चुके हैं, जिनमें हिंदू-मुसलमान सभी शामिल हैं।

फ्री कोचिंग पढ़कर 33 विद्यार्थी नीट परीक्षा पास कर बने डॉक्टर
काजी ए हिंदुस्तान मुफ्ती असजद रजा कादरी (असजद मियां) के दामाद डॉ फरमान हसन खान (फरमान मियां) अब तक 850 बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा दिला चुके हैं। कक्षा 6 से 12 यूपी बोर्ड एवं सीबीएसई के अलावा नीट और यूपीएससी की तैयारी कराने में भी मदद करते हैं। फरमान मियां बच्चों को नि:शुल्क कोचिंग भी दिलाते हैं। उनकी ओर से कोचिंग करने वाले 33 बच्चों का नीट में सेलेक्शन हो चुका है। नीट में चयनित हुए बच्चों में मोहम्मद रिजवान, उज्मा अंसारी, संजय गंगवार, इमरान, फरहत जहां, शोएब रशीद, रिशु यादव, संजीव कुमार, राजेंद्र कुमार, देवेंद्र शर्मा, दिव्यांश कुमार, सीमा मौर्य, हसन अली, इकराम ख़ान, अमन ख़ान, ज़ैद अली, ज़ैनुल ख़ान, मोईन ख़ान, अब्दुल्ला आदि शामिल हैं, जो एम्स से लेकर देश के दूसरे अच्छे मेडिकल कालेजों में पढ़ाई कर रहे हैं। फरमान मियां पिछले आठ वर्षों से बच्चों को फ्री शिक्षा दिलाने के साथ ही बड़ी संख्या में जरूरतमंदों का इलाज और ऑपरेशन करा रहे हैं।
फ्री ऑपरेशन कराकर कैंसर पीड़ितों की बचाई जान
फरमान मियां ने कैंसर पीड़ित मरीजों का ऑपरेशन, कूल्हों का ऑपरेशन, बाइपास सर्जरी डायलीसिस के दर्जनों मरीजों को इलाज के भारी बोझ से बचाया। आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के ऑपरेशन से लेकर इलाज तक का पूरा खर्च आला हजरत ताजुश्शरिया वेलफेयर सोसाइटी उठाती है। यही नहीं आंखों की जांच और महिलाओं से संबंधित बीमारियों के लिए हर सप्ताह शिविर लगवाया जाता हैं, जिसमें किसी मरीज की हालत गंभीर होने पर उसका तत्काल ऑपरेशन भी कराया जाता है।

मोदी सरकार ने दिया भारत गौरव रत्न
मानवता और सामाजिक सरोकारों के लिए फरमान मियां को भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ कारपोरेट अफेयर्स की ओर भारत गौरव रत्न दिया गया। इससे पहले उन्हें मिनिस्ट्री आफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर की ओर टीबी मुक्त अभियान में सार्थक भूमिका निभाने के लिए पुरस्कार मिला था। नेशनल कमीशन फार वूमेन, इंडिया की ओर से महिलाओं के अधिकारों को लेकर अच्छे कार्य करने पर पुरस्कार मिला। नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन की ओर मानवाधिकारों के संरक्षण में अहम योगदान के लिए भी पुरस्कार मिल चुका है।
मदद करने के लिए इंसान की धर्म और जाति नहीं देखी जाती: फरमान मियां
फरमान मियां कई देशों में अपने विचार रख चुके हैं। उनका कहना है कि किसी भी इंसान की मदद करने के लिए धर्म और जाति नहीं देखी जाती। हमें सभी को एक साथ लेकर चलना है। इसी में देश और समाज की भलाई है। कोरोना काल में भी मरीजों की मदद के लिए संगठन की तरफ से हाथ बढ़ाए गए। बच्चों से लेकर बुजुर्गों के इलाज के लिए वह आगे आए, और हर मजहब लोगों की मदद की है।
हाईकोर्ट के एडवोकेट भी हैं फरमान मियां
कर्नाटक की भारत यूनिवर्सिटी ने फरमान हसन खां को डॉक्टरेट मानद उपाधि (एजाज़ी सनद) से नवाजा है। उन्होंने ग्रेजुएशन करने के साथ लॉ भी किया। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद हाईकोर्ट में एडवोकेट है । इस तरह खुद शिक्षा हासिल करने के साथ फरमान मियां गरीब-मजलूमों के होनहार बच्चों को भी अच्छी शिक्षा दिलाकर आगे बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं।
यूपीएसएससी की परीक्षा में फरमान हसन खान के नाम से आया सवाल
काज़ी ए हिंदुस्तान के दामाद दरगाह आला हज़रत का 107 साल पुराना प्रमुख संगठन जमात रज़ा ए मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव और भारत गौरव रत्न से सम्मानित फरमान हसन ख़ान (फरमान मिया) का यूपी एसएससी के प्रश्न पेपर और यूपी पीसीएस करंट अफेयर्स में उनके नाम से प्रश्न आया। इसके लिए देश-विदेश के हजारों लोगों ने उन्हें दिल से मुबारक बाद पेश की।
