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स्वास्थ्य

दस्तकअभियान में खोजे 102 टीबी मरीज, इलाज शुरू

बरेली जनपद में 16 से 31 जुलाई तक चले दस्तक अभियान में 102 टीबी के मरीज खोजे गए। इन रोगियों का इलाज शुरू कर दिया गया है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ के.के. मिश्रा ने बताया कि दस्तक अभियान के दौरान ए.एन.एम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने घर-घर जाकर क्षय रोगियों की पहचान की है।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि अभियान के दौरान 834 लोगों के सैंपल लिए गए। बिथरी चैनपुर, मझगवां, रामनगर, करेली, भोजीपुरा, मुड़िया नवीं बख्श, फतेहगंज वेस्ट और नदोसी में अधिक मरीज मिले हैं। उन्होंने बताया कि क्षय रोग माइको बैक्टीरियम नामक जीवाणु के कारण होता है। हर साल भारत में टीबी से 4.36 लाख रोगियों की मौत होती है।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि कुछ लोग क्षय रोग के जीवाणु से संक्रमित हो सकते हैं लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देता। इसे सुप्त क्षय रोग कहते हैं। सुप्त क्षय रोग के कारण सक्रिय रोग हो सकता है। सुप्त क्षय रोग वाले कुछ लोग हो सकता है कि कभी बीमार न हों।

ऐसे होता है टीबी
क्षय रोग के जीवाणु का प्रसार संक्रमित श्वसन छीकों के जरिए होता है। जैसे बीमार व्यक्तियों के खांसने या छींकने या यहां तक बोलने से निकलने वाले छींके। असंक्रमित व्यक्ति के सांस के जरिए उसके फेफड़ों के अंदर संक्रमित छींके जा सकते हैं और वह व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। सुप्त क्षय रोग के संक्रमण वाले लोगों से उनके आसपास के दूसरे लोगों में क्षय रोग का जीवाणु नहीं फैलता।

लक्षण
• कई हफ्तों तक आने वाली खांसी
• बलगम या रक्त के साथ खांसी
• बुखार, रात को पसीना आना और सीने में दर्द

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