बरेली की निजी क्षेत्र की फ्यूचर यूनिवर्सिटी ने एआई कोर्स शुरू करके देश की कई यूनिवर्सिटी से आगे निकल गई है। इसके लिए यूनिवर्सिटी ने ऑस्ट्रेलिया से भी एक करार भी किया है। यूनिवर्सिटी प्रबंधन का यह भी दावा है कि यह कोर्स बेहद सस्ता है, इसमें रोजगार की भी असीम संभावनाए है। इसी कड़ी में फ्यूचर यूनिवर्सिटी में गुरुवार को EduAI Summit 2025 का आयोजन किया गया। यह शिखर सम्मेलन कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित शिक्षा प्रणाली और उसके संभावित प्रभावों पर केंद्रित रहा।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि बरेली के सांसद छत्रपाल गंगवार विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। इसके अलावा, कई अन्य जनप्रतिनिधियों, शिक्षाविदों और तकनीकी विशेषज्ञों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि एआई को सर्वेन्ट बनाकर रखना मालिक नहीं बनाकर रखना है। उन्होंने कहा कि उनके नेता का सपना है कि भारत 2047 तक विकसित बने यह तभी संभव है जब हम नए तकनीक का प्रयोग करें। उन्होंने इस मौके पर फ्यूचर यूनिवर्सिटी के समस्त स्टाफ को अपनी शुभकामनाएं दी।
इस शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के बढ़ते उपयोग, उसके फायदों और चुनौतियों पर गहन चर्चा करना भी था । कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह दावा किया कि फ्यूचर यूनिवर्सिटी देश की पहली ऐसी यूनिवर्सिटी है जो AI आधारित शिक्षा प्रणाली को अपनाने जा रही है।
इस आयोजन में विभिन्न तकनीकी विशेषज्ञों ने AI के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में आने वाले बदलावों पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे यह तकनीक शिक्षार्थियों के लिए अधिक प्रभावी और सहज शिक्षण अनुभव प्रदान कर सकती है। सम्मेलन के दौरान AI के व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर लाइव डेमो भी प्रस्तुत किए गए, जिससे प्रतिभागियों को इसकी कार्यप्रणाली और उपयोगिता को समझने का अवसर मिला।फ्यूचर यूनिवर्सिटी के इस कदम को शिक्षा जगत में क्रांतिकारी परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
