एक्सीडेंटल क्लेम लेने के लिए दुर्घटना होने पर पीड़ित पक्ष और वाहन मालिक दुर्घटना की झूठी कहानी गढ़कर मुकदमा दर्ज करा देते हैं। इसमें बरेली के कुछ वकील भी शामिल हैं। ऐसा ही एक मामला देवरनिया थाना क्षेत्र के मोहनपुर गांव का सामने आया है। मोटर एक्सीडेंट क्लेम के नाम पर बीमा कंपनी से दस लाख रुपये ऐंठने की कोशिश की गई। अदालत के आदेश पर एसआईटी ने जांच की तो मामला फर्जी पाया गया। आरोप है कि दुर्घटना की झूठी कहानी गढ़कर बीमा से रुपये हड़पने की कोशिश की गई थी। इस पर कोतवाली पुलिस ने झूठी गवाही देने, षडयंत्र और धोखाधड़ी की धाराओं में पिता-पुत्र समेत तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
बरेली के थाना देवरनियां क्षेत्र के गांव मोहनपुर निवासी राजेन्द्र कुमार ने दावा किया था कि 03 जनवरी 2021 को वह किच्छा से लौटते समय टेंपो से उतरने के बाद पैदल अपने घर जा रहे थे। तभी मोहनपुर ढाल के पास उन्हें सामने से आए मोटर साइकिल सवार ने गाड़ी तेजी और लापरवाही से चलाते हुए टक्कर मार दी। इस हादसे में राजेंद्र कुमार को गंभीर चोटें आईं। उन्हें इलाज के लिए चंद्रकांति अस्पताल में भर्ती कराया गया था। राजेंद्र ने अदालत में याचिका दाखिल कर बीमा कंपनी से 10 लाख 80 हजार रुपये के हर्जाने की मांग की।
बीमा कंपनी के चुनौती देने को हाईकोर्ट के निर्देशानुसार जिला जज ने मामले की जांच एसआईटी से कराने के निर्देश दिए। जांच अधिकारी संजय वर्मा ने गहन पड़ताल की तो पूरा मामला उलटा निकला। एसआईटी की जांच में पता चला कि राजेंद्र कुमार और उसके परिजनों ने दुर्घटना की झूठी कहानी गढ़ी थी। दरअसल, 03 जनवरी 2021 को राजेन्द्र कुमार के गांव में रहने वाले अयोध्या प्रसाद पुत्र किशनलाल का गन्ने लदी ट्राली समेत ट्रैक्टर मोहनपुर क्रासिंग के पास हाईवे के किनारे खड़ा था। गन्ने की रखवाली करने के लिए राजेंद्र ट्रैक्टर पर बैठा था। इसी दौरान समय करीब 06.30 बजे अयोध्या प्रसाद के ट्रैक्टर -ट्राली में पीछे से किसी अज्ञात ट्रक चालक ने टक्कर मार दी और मौके फरार हो गया।
अचानक टक्कर लगने से राजेन्द्र कुमार ट्रैक्टर से नीचे हाईवे पर जा गिरा। उसी दौरान सामने से आ रही किसी अज्ञात मोटर साइकिल के चालक ने राजेंद्र को टक्कर मार दी और मौके से भाग गया था। टक्कर लगने से उसके शरीर और सीधे पैर में गम्भीर चोटें आई थीं। जिनका इलाज भास्कर अस्पताल बरेली में हुआ था, जो पत्रावली पर उपलब्ध भास्कर अस्पताल बरेली के डिस्चार्ज प्रमाण पत्र से प्रमाणित है।
एसआईटी की जांच में सामने आया कि राजेंद्र कुमार ने जान-बूझकर मोटर साइकिल को घटना में शामिल दिखाकर उसके चालक को फंसाया और पुलिस से मिलकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इस पर राजेन्द्र कुमार पुत्र मनोहर लाल यादव निवासी मोहनपुर थाना देवरनिया, मनोहर लाल पुत्र भंजन लाल निवासी मोहनपुर थाना देवरनिया और बाइक चालक चंचल पटेल पुत्र हरीश कुमार निवासी बरौर थाना नबावगंज बरेली के विरुद्ध धारा 193, 420, और 120बी में रिपोर्ट दर्ज करने की संस्तुति की गई। इस पर कोतवाली पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
