EXCLUSIVE : साहब झंडा खरीद लो , केवल 10 रूपए में है। 

SHARE:

बरेली : आजादी की 75 वीं वर्षगांठ  के जश्न को  शहर में शानदार तरीके से मनाये जाने की तैयारी हो रही है।  देश में सरकार आयोजन को सफल बनाने के लिए करोड़ों रूपए खर्च कर रही है ताकि देश के लोगों को पता चल सके कि हमारे बुजुर्गो ने देश की आजादी के लिए कैसे अपना सब कुछ न्योछवर किया।  लेकिन इस बीच  हम सभी को यह जरूर सोचना चाहिए ,क्या ऐसा हमारी सरकारे क्या करे ताकि आखिरी पायदान पर रह रहे व्यक्ति को वह सब कुछ मिले जिसका वह हकदार है । इस आजादी के पर्व पर एक छोटी सी बात कहकर यही सवाल उठाते है कि कहा हमारे से चूक हुई है जहां हम अपने देश के नागरिकों और  बच्चों में कई मामलों में  समानता नहीं  ला पाए।  आज भी एक गरीब आदमी बेहतर इलाज के उम्मीद में दम तोड़ देता है और एक गरीब का बच्चा पैसे के अभाव में अच्छे स्कूल में नहीं जा पाता है। समझिये कुछ तरह
एक छोटी सा वाकया 
बच्चा : साहब तिरंगा खरीद लो ,
पत्रकार : बेटा तिरंगे की जरूरत नहीं है। मेरे पास है बेटा
बच्चा : साहब खरीद लो दस रूपए का है।
बच्चा और उसकी मां : भैया खरीद लो
पत्रकार : अच्छा लाओ तिरंगा ,कितने का है ?
बच्चा : अंकल 10 रूपए का है।
पत्रकार : लाओ बेटा
बच्चा : लो भैया
पत्रकार : यह लो 10 रूपए
बच्चा : खुश होकर तिरंगा बेचकर चला गया
यह वाकया आपको जरूर छोटा सा लगता हो लेकिन कड़बा सच है कि हमारी सरकारों को उन बच्चों  के बारे में जरूर सोचना चाहिए जो मज़बूरी में अपना  बचपन खो रहे है या फिर ऐसा गरीब जो  इलाज के अभाव में  तिल तिल करके दम  तोड़ रहा है। ।  उससे बड़ी बात यह भी है देश में  बेरोजगारी  सिर चढ़कर बोल रही है।  कई युवा हताश होकर आत्महत्या कर चुके  है  ।  ऐसा भी नहीं देश में शासन करने वाली सरकारों ने अवाम के लिए कुछ नहीं किया हो।  पर मौजूदा हालात ऐसे है जहां सरकार की जहां ज्यादा जिम्म्मेदारी है।सरल शब्दों में कहे तो सरकार को  सही मायने में आजादी के 75 सालों का जबाव तो देना एक नैतिक जिम्मेदारी बनती है।
newsvoxindia
Author: newsvoxindia

Leave a Comment

सबसे ज्यादा पड़ी गई न्यूज
error: Content is protected !!