EXCLUSIVE: हस्त नक्षत्र, शुभ योग के संयोग में मनाई जाएगी हरतालिका तीज,

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ज्योतिषाचार्य -पंडित मुकेश मिश्रा

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बरेली। सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण हरतालिका तीज का पावन पर्व इस बार 30 अगस्त मंगलवार को मनाया जाएगा। दरअसल, यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष तृतीया में मनाया जाता है। हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन स्त्रियां अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य के लिए और लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत बेहद ही सौभाग्य वर्धक माना जाता है। पुराणों की मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। कुंवारी कन्या मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती‌ है तो उन कन्याओं को मनोनुकूल वर की प्राप्ति सरलता से हो जाती है। इस व्रत में शिव- पार्वती की पूजन करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। और माता पार्वती और शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सबसे खास बात तो यह है कि इस बार यह व्रत हस्त नक्षत्र और उस शुभ योग के संयोग में मनाया जाएगा। शुभ योग की तरह हस्त नक्षत्र भी सभी मनोकामनाएं को पूरा करने वाला होता है। जो व्रती के समस्त दोषों का नाश करते हुए बुरे प्रभावों को दूर करने की सामर्थ्य रखता है। इसलिए इस बार हरतालिका तीज का महत्व कई गुना अधिक बढ़ गया है।

 

करवा चौथ की तरह कठिन होता है यह व्रत
यह व्रत सर्वाधिक कठोर माना जाता है। इस व्रत में महिलाएं निराहार रहकर शाम को पार्वती और शिव की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर पूजा करती हैं। शाम को पति के हाथ से जल पीने के बाद दूसरे दिन व्रत का समापन किया जाता है। सुहाग की पिटारी में सोलह श्रृंगार की सामग्री माता पार्वती को और धोती अंगोछा आदि शिवजी को अर्पित करते हैं। अंत में यह सामग्री ब्राह्मण को दान की जाती है। और सास या अन्य बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया जाता है।
वर्ष की तीन प्रमुख तीज
हरियाली तीज सावन मास के शुक्ल पक्ष तृतीया में मनाई जाती है। इसमें झूले का विशेष महत्व होता है। दूसरी कजरी तीज भादो के कृष्ण पक्ष तृतीया में मनाई जाती है। इसमें महिलाएं सोलह श्रृंगार से सज धज कर पूजन अर्चन करती हैं। तीसरी सभी तीजों में अति महत्वपूर्ण हरितालिका तीज भादो के शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि में मनाई जाती है। इसे बड़ी तीज कहते हैं। क्योंकि यह व्रत पहले सूर्योदय से लेकर अगले सूर्योदय तक चलता है।

 

तृतीया तिथि का मान और शुभ मुहूर्त का समय
तिथि : तृतीया तिथि 29 अगस्त दिन सोमवार को दोपहर 03 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 30 अगस्त मंगलवार को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट रहेगी। उदयातिथि के अनुसार हरतालिका तीज का व्रत 30 अगस्त को रखा जाएगा।

 

 

 

शुभ मुहूर्त-
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:33 से 12:24 तक।
विजयी मुहूर्त : दोपहर 02:05 से 02:56 तक।
अमृत काल मुहूर्त : शाम 05:38 से 07:17 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:07 से 06:31 तक।
सायाह्न संध्या मुहूर्त : शाम 06:19 से 07:27 तक।
निशिथ मुहूर्त : रात्रि 11:36 से 12:21 तक।

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Author: newsvoxindia

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