बरेली। ऑल इंडिया कल्चरल एसोसिएशन ने बुधवार को हिन्दी रंगमंच दिवस पर संगोष्ठी आयोजित की।संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव शर्मा टीटू ने बताया कि आधुनिक हिन्दी रंगमंच का पहला नाटक शीतला प्रसाद त्रिपाठी कृत जानकी मंगल का मंचन काशी नरेश ईश्वरी प्रसाद सिंह के सहयोग से 03 अप्रैल 1868 में बनारस स्थित कैंटोमेंट असेम्बली रूम्स एण्ड थिएटर में खेला गया।इस नाटक में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने लक्ष्मण की भूमिका निभाई थी।
मीडिया प्रभारी और उपाध्यक्ष देवेन्द्र रावत ने कहा कि 1967 मैं आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य का इतिहास में पहली बार इस नाटक के मंचन को प्रमाणिक तौर पर पुष्ट किया।इंग्लैंड के एलिन इंडियन मेल के 08 मई 1868 के अंक में भी इस नाटक के मंचन की जानकारी प्रकाशित की गई।इसी आधार पर पहली बार शरद नागर ने ही हिन्दी रंगमंच दिवस की घोषणा 03 अप्रैल को की थी।इस अवसर पर गोविंद सैनी, डॉ. सैय्यद सिराज अली, मोहम्मद नबी, हरजीत कौर, प्रदीप मिश्रा, पवन कालरा, हिमांशु सक्सेना, दिलशाद, मिराज आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।