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चौधरी तालाब रामलीला में दूसरे दिन नारद अभिमान एवम रावण जन्म मंचन,

बरेली। देश की तीसरी सबसे बड़ी 456 वर्ष पुरानी चौधरी तालाब की रामलीला में आज मंगलवार को दूसरे दिन नारद अभिमान एवम रावण जन्म का मंचन हुआ। सोमवार को प्रथम दिन पूजन आरती के बाद शिव विवाह मंचन से रामलीला प्रारंभ हो गई थी। बीजेपी की प्रदेश कार्य समिति सदस्य रामगोपाल मिश्रा के अनुसार रामलीला समापन का बड़े बाग हार्टमैन का दशहरा मेला 24 अक्तूबर 2023 को होगा। जिममें प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को भी आमंत्रित किया गया है। चौधरी तालाब पर मंगलवार शाम को आदर्श रामलीला मंडल मधुबनी बिहार के कलाकारों द्वारा नारद अभिमान एवम रावण लीला का मंचन किया गया।

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रामलीला मंडल मधुबनी बिहार द्वारा श्री रामलीला में नारद अभिमान, मनु शतरूपा, रावण आदि का जन्म एवं पृथ्वी पर देवताओं की तरुण पुकार की लीला का मंचन किया जा रहा है। एक बार की बात है नारद मुनि हिमालय पर्वत की एक गुफा में समाधि लगाकर तब करने लगे मगर मुनि की तपस्या से इंद्र डर गए और उन्होंने कामदेव को बुलाकर नारायण मुनि की तपस्या को भंग करने का आदेश दिया जब कामदेव नारद मुनि की तब को भंग करने के लिए आश्रम में पहुंचे तो अपनी माया से वहां बसंत ऋतु को उत्पन्न किया। तरह-तरह के वृक्षों पर रंग-बिरंगे खिल गए फूल खिल गए मनु उन पर कोयल कुकने लगी।

 

 

 

काम अग्नि भड़काने वाले तीन प्रकार की स्वभाव की हवा चलने लगी रंभा आदि नवयुवती देव देवांग नो से सब बुलाओ मैं बोलता पर बहुत पुकार के तानो की तरंगे के साथ गाने लगी। जिसमें नारद जी को अभिमान हो गया कि मैं कामदेव को बस में कर लिया। नारद जी यह बात ब्रह्मा विष्णु और महेश जी को बताने गए। श्री हरि विष्णु जी ने उनका अभिमान तोड़ते हुए एक भूषण नगर बनाया। जिसमें एक कुमारी को देखकर नारद जी बिना रुके राजकुमारी को देखते ही रह गए और उन्होंने उसको विवाह के लिए विवाह करने हेतु श्री हरि विष्णु से उनका रूप मांगा। तो विष्णु ने उन्हें अपना रूप दे दिया। जब नारद जी स्वयंवर में पहुंचे तो राजकुमारी ने माला भगवान विष्णु के गले में डाल दी। इससे नारद अति क्रोधित हुए। जब उन्होंने पानी में अपना बंदर का रूप देखा तो उन्होंने भगवान विष्णु को श्राप दे दिया।

 

 

उनके श्राप से भगवान विष्णु के द्वारपाल जय व विजय को राक्षस (रावण कुंभकरण) योनी को प्राप्त हुए जिनके विनाश हेतु श्री हरि विष्णु को राम का अवतार लेना पड़ा । रामलीला का मंचन में अतिथियों के साथ ही रामभक्त दर्शको की काफी उपस्थिति रही। बरेली में होली की 163 वर्ष पुरानी रामलीला तो देश भर में जानी ही जाती है पर यहां के चौधरी तालाब पर भी पिछले 456 साल से श्री रानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति के बैनर के अंतर्गत एक पखवाड़े तक मथुरा अयोध्या बिहार से आये कलाकारों द्वारा रामलीला मंचन निरंतर होता रहा है।

 

 

 

रावण दहन के बाद नगर में भगवान राम की शोभायात्रा भी निकाली जाती है। अब उत्तर प्रदेश में पुन मुख्यमंत्री योगी सरकार 2 के आने पर धार्मिक कार्यक्रम में लोगो का रुझान और बढ़ गया है। स्मरण रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष कुमार गंगवार वर्षो तक इस रामलीला कमेटी के अध्यक्ष भी रहे। वह अब कमेटी के संरक्षक हैं जबकि बीजेपी नेता राम गोपाल मिश्रा अध्यक्ष एवम शिव नारायण महामंत्री, धीरेंद्र शुक्ल मंत्री हैं। बरेली में कनागत के बाद भादो में इस रामलीला का शुभारंभ लखना स्टेट , इटावा के राजा बसंत राव त्रिपाठी ने, जो चौधरी मोहल्ला के रानी लक्ष्मीबाई फाटक बरेली में ही रहते थे, के द्वारा प्रारंभ कराया गया था। उनकी मौत के बाद उनकी पत्नि रानी लक्ष्मी बाई इस रामलीला मंचन को कराती रहीं।

 

 

इसमें 8 दिन रामलीला मंचन चौधरी मोहल्ला में होता था इसके बाद नाव से सागर पार होकर इसका मंचन बड़े बाग में होता रहा। जहां ही रावण का आजकल वध होता है। मंचन को आये कलाकार गंगा मंदिर, चंपत राय मंदिर एवम बड़ा बाग मंदिर में ही विश्राम करते थे। उस समय मंदिर पर संपत्ति की भी कमी नही थी। लंका विजय के बाद ही नगर में भगवान राम की विजय शोभायात्रा निकली जाती है। इस कमेटी में पूर्व में महामंत्री रहे पार्षद मनोज शुक्ल के अनुसार बुंदेलों के समय से चल रही यह रामलीला औरंगजेब के काल मे भी बंद नहीं होने की उस काल में रहे पुरखे भी अपनी पीढ़ी को यह जानकारी देते रहे थे। कमेटी के ही धीरेंद्र शुक्ला के अनुसार 455 वर्ष की रामलीला का भारत पाक युद्ध के दौरान भी मंचन बंद नही हुआ था।

 

 

 

पर उसे गुपचुप कर परंपरा निभाई गई थी। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष राम गोपाल मिश्र ने बताया कि विवाद होने पर रामलीला कमेटी पर लगभग 6 वर्ष प्रशासन की और से कमेटी पर रिसीवर भी तैनात रहा। बाद में हाइकोर्ट के आदेश पर विवाद समाप्त हुआ। अब उनकी ही कमेटी रामलीला का मंचन करा रही है। कमेटी की आय का साधन चौधरी तालाब, एवम अन्य संपत्ति में किराये की आय एवम श्रद्धालुओं के द्वारा मिला चंदा ही है। जिससे ही रामलीला का निरंतर मंचन कराया जाता रहा है। रामलीला समिति के उपाध्यक्ष हरीश शुक्ला, महामंत्री शिव नारायण दीक्षित, कोषाध्यक्ष प्रभु नारायण तिवारी ने संयुक्त रूप से कहा कि रामलीला का मंचन आदर्श रामलीला मंडल मधुबनी बिहार के कलाकारों द्वारा किया जाएगा श्री अभिषेक मिश्रा, कपिल शुक्ला घनश्याम मिश्रा, प्रदीप नारायण बाजपेई मेला महा प्रबंधक श्रेयांश बाजपेई, मेला सुरक्षा प्रभारी बृजेश प्रताप सिंह मीडिया प्रभारी यश चौधरी आदि उपस्थित रहे ।

 

 

 

बीजेपी नेता राम गोपाल मिश्र, शिव नारायण दीक्षित ने बताया कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से इस प्राचीन रामलीला की चर्चा की। तब उन्होंने ही बरेली की इस रामलीला को देश की तीसरी सबसे पुरानी रामलीला होना बताया।

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