बरेलीः एसआरएमएस रिद्धिमा के चतुर्थ थिएटर फेस्टिवल रंग महोत्सव इंद्रधनुष 2024 के चौथे दिन बुधवार (16 अक्टूबर) को नई दिल्ली के बेला थिएटर कारवां ने नाटक “बाबू विरंचि लाल” का मंचन किया। डा. चतुर्भुज लिखित और अमर शाह निर्देशित भ्रष्टाचार पर फोकस यह प्ले व्यवस्था पर चोट करने के साथ बाबू विरंचि लाल के जीवन के उतार-चढ़ाव को हास्य पूर्ण तरीके से व्यक्त करता है। नाटक की शुरुआत पति-पत्नी की खठ्ठी-मीठी नोक से होती है।
मुख्य भूमिका यानी विरंचि का किरदार रीतिक ने तथा उनकी पत्नी का किरदार पल्लवी मिश्रा ने निभाया। विरंचि के दोस्त का आगमन होता है जो एक वक्त भ्रष्ट अधिकारी हुआ करता था और अब रिटायरमेंट के बाद उसी भ्रष्टाचार से पीड़ित है। उसे ऊंचा सुनने की आदत है। इससे हास्य की परिस्थितियां बनती हैं और दर्शक ठहाका लगाने पर मजबूर हो जाते हैं। दोस्त की भूमिका आदित्य लम्बा ने निभाई । विरंचि के दो बेटे हैं, जिन्होंने कपूत होने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। एक नेता बनना चाहता है और दूसरा अभिनेता। उन दोनों की हरक़तें दर्शकों को लगातार गुदगुदाती रहती हैं।
नाटक में बड़े बेटे पांचू का किरदार अलंकृत ने और छोटे बेटे अनोखे का किरदार साहिल ने निभाया। विरंचि एक दुर्घटना में मर कर यमलोक पहुंच जाते हैं। इस बीच उनके घर में खैराती आता है जो अपने गाने से लोगों को खूब आनंदित करता है। ये किरदार शिवम ने निभाया । मज़ा तो तब आता है जब विरंचि यमलोक से ज़िन्दा वापस लौट आते हैं। नाटक ने हर छोटे-बड़े पहलू पर दर्शकों को आनंदित किया और दर्शक तालियां बजाने को मजबूर हुए।
नाटक आरंभ होने से पहले दैनिक जागरण बरेली और मुरादाबाद यूनिट के महाप्रबंधक डा.मुदित चतुर्वेदी, एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति जी, सचिव आदित्य मूर्ति जी ने दीप प्रज्वलन किया। इस मौके पर आशा मूर्ति जी, ऋचा मूर्ति जी, उषा गुप्ता जी, सुभाष मेहरा, डा. प्रभाकर गुप्ता, डा.अनुज कुमार, डा.रीटा शर्मा और गण्यमान्य लोग मौजूद रहे।