नई दिल्ली।
यह बयान ऐसे समय आया है जब कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा में कथित रूप से मतदाता सूचियों में गड़बड़ी को लेकर राहुल गांधी और निर्वाचन आयोग के बीच विवाद गहरा गया है। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यदि गांधी के पास ठोस सबूत हैं, तो उन्हें शपथ पत्र के रूप में प्रस्तुत करना होगा, अन्यथा ‘‘फर्जी’’ आरोपों के लिए सार्वजनिक तौर पर खेद व्यक्त करना चाहिए।
उधर, भाजपा ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि उन्हें निर्वाचन आयोग पर भरोसा नहीं है, तो उन्हें नैतिक आधार पर लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देना चाहिए। भाजपा नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि गांधी जानबूझकर शपथ पत्र देने से बच रहे हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में तीनों राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने राहुल गांधी से उन मतदाताओं की सूची देने को कहा था जिनके नाम कथित रूप से गलत तरीके से जोड़े या हटाए गए हैं। इसके लिए हस्ताक्षरित घोषणा-पत्र भी मांगा गया था।
लेकिन राहुल गांधी ने जवाब दिया था कि वे पहले ही सांसद के तौर पर संविधान की रक्षा की शपथ ले चुके हैं, इसलिए अलग से शपथ पत्र देने की आवश्यकता नहीं है।
