आंवला। भुता संकुल के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज केसरपुर में नव चयनित आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के अलावा दक्षता वर्ग एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें प्रधानाचार्य अभ्यास वर्ग को भी शामिल किया गया है। इसमें 12 जिलों के 97 प्रशिक्षार्थी अपनी सहभागिता दिखाएंगे। उद्घाटन सत्र में विद्या भारती के संगठन मंत्री हरिशंकर व प्रदेश मंत्री दयाल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा शिक्षा के साथ संस्कार भी होने चाहिए ऐसा ही विचार रखते हुए 1952 में पहला शिशु मंदिर गोरखपुर में खोला गया था । उन्होंने कहा विद्या भारती का लक्ष्य तय किया गया है ,उसके अनुरूप सरस्वती शिशु मंदिर योजना का कार्य प्रारंभ हुआ।
जिला विद्यालय निरीक्षक देवकी सिंह ने कहा सरस्वती विद्या मंदिरों में संस्कारवान शिक्षा दी जाती है। विद्या भारती ने पांच आधारभूत विषय तय किए हैं। विद्यालय समाज की चेतना के केंद्र हैं । प्रदेश निरीक्षक देवेंद्र सिंह यादव यहां पर संभाग निरीक्षक कटार सिंह राणा, संभाग निरीक्षक रमाकांत शर्मा सहित अन्य सहयोगी मौजूद रहे।