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क्या बीमारी डॉक्टर को देखकर आती है साहब !

बरेली : जिला अस्पताल लम्बे समय से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। डॉक्टरों की कमी के बारे में स्थानीय स्तर से सीएमओ द्वारा डीएम को भी बताया गया है  । हालांकि कई साल से शासन से स्थानीय स्तर पर पत्राचार हुआ ,पर बरेली के जिला अस्पताल को आजतक एमडी  डॉक्टर नसीब नहीं हो पाए। जिला अस्पताल के इमरजेंसी विभाग के दीवार पर भी साफ लिखा है कि जिला अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ ,मूत्र गुर्दा रोग विशेषज्ञ ,मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ ,बाल शल्य चिकित्सा विशेषज्ञ , चेस्ट रोग विशेषज्ञ भी  नहीं है। जिला अस्पताल का हृदय विभाग के डॉक्टर के रूम पर पिछले तीन सालों से कमरे पर ताला लटका हुआ है।

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यही हाल बरेली के 300 बेड कोविड़ अस्पताल का है यहां भी डॉक्टरों की बेहद कमी है। यही वजह है यहां लाखों रुपए के वेंटिलेटर धूल फांक रहे है। जानकारी के मुताबिक 300 बेड हॉस्पिटल  एक सुपर स्पेशलिटी होने के नाते यहां एमडी डॉक्टर होना चाहिए जो नहीं है।  दूसरी तरफ अस्पताल के पास  ऑर्थोपेडिक ,पीडिया , कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर तक नहीं है।  ऐसे में सरकार की मंशा और लेटलतीफी मरीजों के जीवन पर भारी  है। आमतौर पर जिला अस्पताल में मध्यवर्गीय लोग इलाज के लिए पहुंचते है ऐसे में मरीज और तीमारदार को पता चलता है कि यहां उसकी जरूरत के मुताबिक डॉक्टर ही नहीं है तो वह निराश होकर ही लौटना पड़ता है।

 

 

इसके बाद मरीज निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए मकान , जमीन , जेबरात  बेचने को मजबूर हो जाता है।   जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिकारी विश्राम सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी की बात सही है।  इसके लिए उन्होंने एक पत्र लिखकर बरेली डीएम को भी अवगत करा दिया है।  जल्द उम्मीद है कि बरेली को जल्द कमीशन से एमडी  डॉक्टर मिलेंगे और सभी बीमारियों का इलाज जिला अस्पताल में संभव हो सकेगा।

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