बरेली में आयोजित होने वाले उर्स-ए-रज़वी की तैयारियां तेजी से चल रही है। ज़ायरीन की सहूलियत के लिए बैठकों का दौर जारी है। सभी तैयारियां दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती और सज्जादानशीन मुफ्ती बदरूशरिया मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) सय्यद आसिफ मियां की देखरेख में चल रही है।
उर्स-ए-रज़वी की सभी रस्में दरगाह आला हज़रत और इस्लामिया मैदान में अदा की जायेंगी। उर्स के दौरान देश-विदेश से सियासी और गैर सियासी चादरें पेश होती हैं। बरेली जिले से लोग जुलूस की शक्ल में चादर लेकर आते हैं। सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने जुलूस कमेटियों से कहा है कि दरगाह पर कपड़े की चादर की जगह फूल पेश करें। चादर जुलूस और जुलूस-ए-मोहम्मदी में डीजे पर पूरी तरह से रोक रहेगी। कोई भी अंजुमन डीजे बुक न करे। कपड़े की चादर और डीजे की रकम से नबी-ए-करीम और साहिबे उर्स को ईसाले सवाब की नियत से जिन जरूरतमंद के पास कपड़े न हो उनको खरीद कर दें, जो बीमार हों उनका दवाई-इलाज़ कराएं। जरूरतमंद छात्रों को किताबें और फीस भरने में उनकी मदद करें। लोगों की राशन से मदद कर सकते है।
आला हजरत दरगाह के नासिर कुरैशी ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम 6 बजे दरगाह परिसर में सुब्हानी मियां की सदारत में बैठक हुई। इसमें मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी और मौलाना बशीरुल क़ादरी ने कहा कि बरेली आला हज़रत की नगरी है, जो पूरी दुनिया में मेहमान नवाज़ी से पहचानी जाती है। इसलिए सभी लोग जायरीन की ख़िदमत में कोई कोताही न बरतें। हाजी जावेद खान ने जिले भर से आई सभी लंगर कमेटियों का शुक्रिया अदा किया। बैठक में सभी से उर्स को कामयाब बनाने के लिए सुझाव मांगे गए। आखिर में खुसूसी दुआ के बाद सबको लंगर तकसीम किया गया।
बैठक में मुफ्ती आकिल रज़वी,मुफ्ती सय्यद कफील हाशमी,मुफ्ती अय्यूब नूरी,मुफ्ती ज़ईम रज़ा,मौलाना जाहिद रज़ा, राशिद अली खान, शाहिद नूरी, अजमल नूरी, औरंगज़ेब नूरी, परवेज़ नूरी, ताहिर अल्वी, शान रज़ा, मुजाहिद बेग, मंजूर रज़ा, इशरत नूरी, आलेनबी, काशिफ रज़ा, सय्यद माजिद, रईस रज़ा, ज़ुहैब रज़ा, अब्दुल माजिद, सय्यद एजाज़, नफीस खान, हाजी अब्बास नूरी, तारिक सईद,हाजी शरिक नूरी, नईम रज़ा, साजिद नूरी,सय्यद फैजान अली, युनुस गद्दी, अश्मीर रज़ा, इरशाद रज़ा, गौहर खान, फारूक खान, अजमल रज़ा, समी खान, रूमान खान, साकिब रज़ा, नाजिम रज़ा आदि मौजूद रहे।
