बरेली।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व गौशालाओं में अव्यवस्थाएं पाए जाने पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे। इन निर्देशों का प्रभाव निरीक्षण के दौरान स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। गौशाला में साफ-सफाई का समुचित प्रबंध था, गौवंश को पर्याप्त मात्रा में हरा चारा व भूसा उपलब्ध कराया जा रहा था और पानी की पुख्ता व्यवस्था भी थी। चारे-पानी के बर्तन भी पूरी तरह स्वच्छ पाए गए। बीमार गायों और नंदियों को अलग रखने की विशेष व्यवस्था की गई थी।
निरीक्षण के समय जिलाधिकारी ने जानकारी ली कि गौशाला में कितनी गायें आश्रित हैं। इस पर खंड विकास अधिकारी ने बताया कि गौशाला की क्षमता 350 गायों की है, जबकि फिलहाल वहां 417 गायें रह रही हैं। इनमें 219 गायें और 198 नंदी शामिल हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी गौवंश को समय पर उच्च गुणवत्ता वाला भोजन, हरा चारा और भूसा उपलब्ध कराया जाए। साथ ही पानी के बर्तनों की नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने उपजिलाधिकारी नवाबगंज को आदेश दिए कि सप्ताह में एक बार गौशाला का निरीक्षण करना अनिवार्य होगा और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि यदि किसी गौवंश की प्राकृतिक मृत्यु हो तो उसे गहरे गड्ढे में दफनाने के साथ नमक आदि डालकर निपटान किया जाए, ताकि जंगली जानवर या कुत्ते उसे बाहर न निकाल सकें।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन की ओर से जिले की सभी गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। इन कैमरों से गौवंश की स्थिति, चारे-भूसे की उपलब्धता और साफ-सफाई की वास्तविक स्थिति का पता चलता रहेगा।
इस मौके पर जिलाधिकारी ने स्वयं गौशाला में रह रही गायों को गुड़ और चना खिलाया तथा वहां मौजूद ग्रामीणों से भी बातचीत की। निरीक्षण के समय उपजिलाधिकारी नवाबगंज उदित पवार, खंड विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
