मीरगंज।सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी गांव की साफ-सफाई में कोई अपेक्षित बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। यही कारण है कि जल जनित संक्रामक बीमारियां दिन व दिन पांव पसार रहीं हैं, जिससे लोग भी शिकार हो रहे हैं। इसके बावजूद भी गांव में तैनात सफाई कर्मचारी सिर्फ घर रहकर सरकार को हर महीने लाखों रुपये का चूना लगा रहे हैं। इन्हें न तो स्थानीय प्रशासन का डर है और न ही सरकार के फरमान का भय। ऐसा ही कुछ हाल मीरगंज तहसील के ग्राम पंचायत म्यूड़ी बुजुर्ग का है। गांव में जल निकासी के लिए बनी नालियां सफाई के अभाव में जाम पड़ी हैं। कूड़े-कचरे से उठ रही दुर्गंध से ग्रामीणों का जीना दुश्वार हो गया है। बावजूद इसके सफाई कर्मचारी खोजने पर भी नहीं मिलते। इसके अलावा म्यूड़ी बुजुर्ग में चौराहे पर बनी नालियां भी झाड़-झंखाड़ से पट गई हैं, जिससे पानी सड़क पर बह रहा है।
सड़क पर पानी जमा होने से आने-जाने वाले राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों पर जमा बरसात के पानी में मच्छरों ने अपना आशियाना बना लिया है, जिससे मलेरिया, जापानी इंसेफ्लाइटिस, टाईफाइड़ जैसी जानलेवा बीमारियों के फैलने का खतरा हमेशा बना रहता है।गांव के गुच्छन ने बताया कि सफाई कर्मचारी मीना देवी ने मजदूरी
पर एक व्यक्ति को रख रखा है।वह खुद नही आती है।घर रहकर रूपए ले रही है।गांव गंदगी से नालिया पटी पड़ी है।
गुच्छन,नाजिम,परवेज,मशहूर,महवूव, मंजूरा,फाजिल,फाजिल,ताहिरा खां,आहिर खां,जर्रारार खां दानिश खां आदि लोगों का कहना है कि कई वर्षों ने मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव नहीं कराया गया, जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से फांग कराने एवं सफाई कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।ग्राम पंचायत सचिव श्रीपाल गंगवार ने बताया मामला संज्ञान में नही है।अगर शिकायत आती है।तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
