मीरगंज (बरेली)। मीरगंज में ग्राम न्यायालय की स्थापना को लेकर चल रही तैयारियों के बीच नया विवाद सामने आ गया है। बरेली जिला मुख्यालय से ग्राम न्यायालय हेतु भेजे गए फर्नीचर से लदे वाहन को बरेली बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं द्वारा जबरन रोक दिए जाने के बाद मीरगंज तहसील के अधिवक्ताओं में आक्रोश व्याप्त हो गया है। इस घटना की निंदा करते हुए अधिवक्ताओं ने उपजिलाधिकारी इशिता किशोर को ज्ञापन सौंपकर जल्द न्यायालय का शुभारम्भ कराए जाने की मांग की है।
अधिवक्ताओं ने बताया कि मीरगंज में ग्राम न्यायालय की स्थापना के लिए लंबे समय से संघर्ष चल रहा है। करीब एक दशक पहले अधिवक्ताओं ने क्षेत्र की जनता को सस्ता और सुलभ न्याय दिलाने के उद्देश्य से आंदोलन शुरू किया था। उनकी अथक पैरवी के बाद प्रदेश शासन से न्यायालय की मंजूरी मिली और प्रशासनिक कार्यवाही पूरी होने के बाद न्यायालय के संचालन की प्रक्रिया शुरू की गई।
21 अगस्त को जिला मुख्यालय से मीरगंज न्यायालय भवन के लिए आवश्यक फर्नीचर लोड कर वाहन भेजा गया था। लेकिन रास्ते में बरेली बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने वाहन को रोककर सारा सामान उतरवा लिया और मीरगंज पहुंचने नहीं दिया। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह कदम पूरी तरह से अनैतिक और अनुचित है, जिससे न्यायालय का संचालन रुक गया है और जनता के हित प्रभावित हो रहे हैं।
मीरगंज तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामस्वरूप ने कहा कि यह हरकत न्याय व्यवस्था की जड़ों को कमजोर करने वाली है। अधिवक्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि जिला मुख्यालय से रोका गया फर्नीचर तुरंत मंगवाकर न्यायालय में स्थापित कराया जाए, ताकि ग्राम न्यायालय का कार्य शीघ्र शुरू हो सके और स्थानीय जनता को लाभ मिल सके।
ज्ञापन सौंपने वालों में बार एसोसिएशन अध्यक्ष रामस्वरूप, उपाध्यक्ष आनन्द पाल सिंह एडवोकेट, सह सचिव यशपाल सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता भगवान सिंह एडवोकेट, सुनील गंगवार, श्वेता गुप्ता, अरविन्द कुमार, भरत स्वरूप, मोहित शर्मा, महेंद्र पाल, प्रसादी लाल, धर्मवीर, वीरेंद्र कुमार और रामकिशोर समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।
