बरेली।साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच बरेली साइबर क्राइम थाना पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। खुद को सीबीआई और बेंगलुरु पुलिस का अधिकारी बताकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के दो और सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मीरजापुर के जमालपुर निवासी दीपू पांडेय और शुभम यादव के रूप में हुई है।
पुलिस ने इनके कब्जे से एक आईफोन, एक एंड्रॉयड फोन और तीन एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। इस हाई-प्रोफाइल ठगी के मामले में पुलिस इससे पहले भी चार अभियुक्तों को जेल भेज चुकी है।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
पुलिस जांच के अनुसार, गिरोह ने 16 जून को भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) से सेवानिवृत्त वैज्ञानिक शुकदेव नंदी को व्हाट्सएप और वीडियो कॉल कर फर्जी रूप से ‘डिजिटल अरेस्ट’ का डर दिखाया। कॉल करने वालों ने कहा कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल फर्जी सिम कार्ड खरीदने, मानव तस्करी और जॉब फ्रॉड जैसे मामलों में हुआ है। गिरफ्तारी से बचने के लिए ‘ऑडिट’ कराने के नाम पर वैज्ञानिक से तीन अलग-अलग खातों में कुल 1.29 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए।
ठगी की रकम ऐसे की गई गायब
जैसे ही रुपये गिरोह के पास पहुंचे, रकम को 125 से अधिक अलग-अलग खातों में घुमाया गया और अंत में क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर डिजिटल वॉलेट्स में भेज दिया गया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि गिरोह विभिन्न खाताधारकों से कमीशन पर बैंक खाते लेता है और इन्हीं खातों में ठगी की रकम डाली जाती है।
कई राज्यों में फैला है नेटवर्क
गिरोह का नेटवर्क दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों तक फैला हुआ है। मामले में अब तक सुधीर कुमार चौरसिया, रजनीश द्विवेदी, श्याम कुमार वर्मा और महेंद्र प्रताप पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं।
