शाहजहांपुर के एक प्रतिष्ठित नागरिक साइबर अपराधियों का शिकार हो गए हैं। खुद को केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) के अधिकारी और सुप्रीम कोर्ट के जज बताकर जालसाजों ने एक करोड़ दो लाख रुपये की ठगी कर डाली। यह मामला न केवल साइबर ठगी के बढ़ते खतरे को उजागर करता है, बल्कि ठगों की योजनाबद्ध कार्यप्रणाली की भी पुष्टि करता है।
शहर के मोहल्ला दीवान जोगराज निवासी शरद चंद्र के अनुसार, 6 मई को उन्हें एक कॉल आया जिसमें कॉलर ने खुद को सीबीआई का अधिकारी ‘विजय खन्ना’ बताते हुए कहा कि उनके बैंक खाते से मुंबई स्थित एक खाते में 2.80 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए हैं। कॉलर ने इस संबंध में पूछताछ के लिए वीडियो कॉल पर जुड़ने की बात कही।
7 मई को उन्हें वीडियो कॉल के माध्यम से एक फर्जी ‘डिजिटल कोर्ट’ में पेश किया गया। वहाँ एक व्यक्ति ने खुद को ‘जस्टिस खन्ना’ बताया और कहा कि जांच के लिए उनकी 94 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट को लिक्विडेट कर एक विशेष अकाउंट में ट्रांसफर करना होगा। आश्वस्त करने के लिए कॉलर ने सुप्रीम कोर्ट के नाम से एक बेल ऑर्डर और बाद में सभी आरोपों से बरी करने वाला पत्र भी भेजा।
शरद चंद्र ने विश्वास में आकर 14 मई से 19 मई के बीच अलग-अलग माध्यमों से कुल एक करोड़ दो लाख रुपये संबंधित खातों में ट्रांसफर कर दिए। जब कॉल्स बंद हो गए और कोई संपर्क नहीं हो पाया, तो उन्हें ठगी का अंदेशा हुआ। इसके बाद उन्होंने साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।
साइबर क्राइम थाना प्रभारी सर्वेश कुमार शुक्ला ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की पहचान में जुटी है और बैंक खातों व कॉल डिटेल्स खंगाले जा रहे हैं।
