बरेली :भगवान श्री चित्रगुप्त जी की जयंती को कायस्थ समाज ने बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस कार्यक्रम में कायस्थ समाज की श्री चित्रगुप्त सेवा समिति सहित अखिल भारतीय कायस्थ महासभा(ट्रस्ट), बरेली कायस्थ सभा ने श्री चित्रगुप्त चौक कोहड़पीर पर कलम दवात का हवन पूजन कर समस्त मानव समाज के कल्याण की कामना की। कार्यक्रम में कायस्थ समाज के साथ समय के अन्य लोगों ने कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भागीदारी की।
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के युवा प्रदेश अध्यक्ष गौरव सक्सेना पार्षद अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ट्रस्ट के प्रदेश प्रभारी वाय सी सक्सेना कायस्थ सभा बरेली के जिला अध्यक्ष अनिल सक्सेना कोषाध्यक्ष प्रदीप संजय एडवोकेट, श्री चित्रगुप्त सेवा समिति के अध्यक्ष डॉक्टर एसपी सागर उपाध्यक्ष धीरेंद्र बहादुर जौहरी बंटी जौहरी शक्ति कुमार मंगलम आयुष सक्सेना डॉ अंशु दीपक सक्सेना आशु सक्सेना मनीष सक्सेना अनिल जौहरी, बी पी भटनागर ,नरेश सक्सेना, शिवकुमार बरतरिया निर्भय सक्सैना ,वेद प्रकाश सक्सेना, रूपम जोहरी ,सुभाष सक्सेना, अखिलेश सक्सेना आदि ने मुख्य रूप से कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
पार्षद गौरव सक्सेना ने बताया कि पिछले वर्ष श्री चित्रकूट चौक पर कलम दवाद की स्थापना इस उद्देश्य के साथ की थी कि यहां से निकलने वाले समस्त जन इससे प्रेरित होकर अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा प्रदान करें। समाज में आज के दिन हवन पूजन का विशेष महत्व है भगवान श्री चित्रगुप्त जी समस्त प्राणियों के पाप पुण्य का लेखा जोखा रखते हैं इसलिए हवन पूजन करके उनसे समस्त प्राणियों के लिए पूजन के माध्यम से कामना की गई है।
श्री चित्रगुप्त जयंती पर कलम दवात की पूजा करने की है परम्परा
भगवान चित्रगुप्त यमपुरी के देवता है। मनुष्य के कर्मों की लेखा-जोखा इन्हीं के पास रहता है। उसी लेखा-जोखा के हिसाब से मनुष्य को कर्मों का दंड मिलता है।भगवान चित्रगुप्त मुख्य रूप से लेखा-जोखा रखने का कार्य करते हैं। इसलिए इनका मुख्य कार्य लेखनी से जोड़कर देखा जाता है। यही वजह है कि भाई दूज के दिन चित्रगुप्त जी के प्रतिरूप के तौर पर कलम का पूजन भी किया जाता है। माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने से बुद्धि, वाणी और लेखनी का आशीर्वाद मिलता है। बता दें कि कायस्थ कुल के लोगों को भगवान चित्रगुप्त का वंशज माना जाता है। इसी वजह से कायस्थ परिवार के लोग भगवान चित्रगुप्त जी का पूजन और उनके साथ कलम का पूजन इस दिन विशेष रूप से करते हैं।