शीशगढ़।खानकाहे इरशादिया में तीन रोजा़ उर्स का आज समापन हो गया।कार्यक्रम के संयोजक सज्जादा नशीन खानकाहे इरशादिया पीरे तरीक़त सैयद काशिफ हुसैन जाफ़री चिश्ती निजा़मी एडवोकेट हाईकोर्ट उत्तराखंड ने कार्यक्रम के बारे में बताया कि उर्स ए इरशादिया आबादिया में खानदान का 200 वां और सैयद इरशाद हुसैन जाफ़री चिश्ती निजा़मी अशरफी का सालाना 64 वां और सैयद आबाद हुसैन जाफ़री चिश्ती निजा़मी अशरफी का तीसरा सालाना उर्स बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
पहले दिन के कार्यक्रम में गु़स्ल और दूर दराज़ से आए मुरीदीन ने चादरपोशी की रस्म के साथ उर्स का आगा़ज किया। इसके बाद मिलाद ए मुस्तफा़ की महफिल और मुशायरा का प्रोग्राम हुआ। जिसमें 15 शायरों ने आसपास के इलाके से शिरकत की। मुशायरा की निजा़मत एक खूबसूरत शायर और नाजि़म जनाब जफ़र बज्मी ने की। मुशायरे की सदारत सैयद काशिफ हुसैन जाफ़री चिश्ती निजा़मी और सैयद फरहत हुसैन जाफ़री ने की।
कार्यक्रम के संयोजक और सरपरस्त पीरे तरीका़त सैयद काशिफ हुसैन जाफरी चिश्ती निजा़मी अशरफी ने बताया कि इस साल मुशायरे का मिसरा ” मेरे आका़ के घरवाले निराली शान रखते हैं” रहा।जिसमें सभी शायरों ने एक से बढ़कर एक शेर पेश किए।
मुशायरा की महफिल के बाद हुजूरे दो आलम हजरत सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के क़दमे मुबारक कि जि़यारात करवाई गई। इसके बाद सलातो सलाम पेश किया गया। आखरी रोज़ की महफिल में सुबह नात शरीफ़ के बाद कुल शरीफ़ की फा़तहा हुई। जिसमें सैयद काशिफ़ मियां ने देश में अमन और चैन के साथ-साथ सभी लोगों की तरक्की़ के लिए दुआ की और अपने मुरीदीन के लिए भी खुसूसी दुआ की। फातिहा के बाद लंगरे आम शुरू हुआ।
कार्यक्रम में सैयद फरहत हुसैन जाफरी, सैयद ऐमन अल जाफरी, सैयद जमीन हुसैन जाफरी, जि़या जाफरी,डा० सना जाफरी वरिष्ठ मीडिया कर्मी दिल्ली, हाजी सैयद मुन्ने मियां सितारगंज, सैयद फराज़ मियां, मो० समीर वरिष्ठ मीडिया कर्मी दिल्ली, चौधरी हामिद हुसैन, शकील भाई शक्रास, मुश्ताक अहमद नन्हे, अब्दुल अलीम खान नैनीताल, मोहम्मद ज़की पीलीभीत और बहेड़ी, हाफिजगंज, नवाबगंज, शक्रास,नैनीताल, रामपुर, मुरादाबाद, से आए तमाम मुरीदीन कार्यक्रम में शामिल रहे।