बरेली (बहेड़ी) सीएचसी के प्रभारी ने नगर की दो पैथोलाजी लैब को सील किया था। सील करने के दो दिन बाद ही दो लैब संचालको ने सील तोडकर शटर उठा दिये। इसकी जानकारी होने के बाद भी प्रभारी ने अब तक इन लैब संचालको के खिलाफ एफआईआर दर्ज नही कराई है। इसमें एक लैब संचालक एक नेताजी का रिश्तेदार बताया जा रहा है। जिसके चलते सीएचसी प्रभारी एफआईआर के लिए सीएमओ के आदेश के बाद कार्रवाई की बात कर रहे हैं। कुल मिलाकर स्वस्थ्य महकमे की मिलीभगत के चलते सील करने और फिर सील तोडने का खेल उजागर हो गया है।
बताया जाता है कि नगर में पचास से ज्यादा फर्जी पैथोलाजी लैंब संचालित हैं। इनमें बीस के करीब प्राइवेट अस्पतालो में लैब चल रहीं हैं जिनके यहां एलटी इसका संचालन कर रहे हैं। इसके अलावा कई ऐसे प्लांइट हैं जहां लैब चल रहीं हैं। यही नही नरायन नगला में एक पैथोलाजी लैब लंबे समय से चल रही है उसी नाम पर उसकी दूसरी ब्रांच नदेली रोड पर चल रही है। सीएमओ को पता चला कि स्थानीय स्वास्थ्य महकमे की मिलीभगत के चलते पैथोलाजी लैब चल रहीं हैं तो उन्होंने सीएचसी प्रभारी डा रोहम से नाराजगी जताते हुए पैथोलाजी लैब सली करने के आदेश दिये थे।
शनिवार को सीएचसी प्रभारी ने नैशनल पैथोलाजी लैब व सिदद्वी विनायक लैब को सील किया था। सोमवार की सुबह ये दोनो ही लैब खुल गई। लैब संचालको के यहां तैमात कर्मचारी ने बताया कि सीएचसी प्रभारी ने ही खोल लेने की बात कही थी।दोनो ही लैब संचालक लैब सील होने के बाद सीएचसी परिसर में घूमते हुए देखे गये थे। उसके बाद उनका सील तोडकर लैब खोल लेना कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत की पोल खोलता है। उधर सीएचसी प्रभारी डा रोहम का कहना है कि उन्हें नही पता कैसे सील तोड दी गई।जब सीएमओ आदेश देंगे तभी वह एफआईआर करायेंगे।
सीएमओ विश्राम सिंह ने बताया कि सीएचसी प्रभारी ने उसे सील किया था और लैब संचालक ने सील तोड़ी थी तो उन्हें तत्काल उनके खिलाफ मुकदमा कायम कराना चाहिए था।सीएचसी प्रभारी को एफआईआर करा देना चाहिए थी, इतनी हिम्मत कैसे हो गई कि सरकारी सील को तोडकर लैब फिर चालू कर दी। सीएचसी प्रभारी को एफआईआर कराने के आदेश दिये हैं। मंगलवार को वह खुद भी सीएचसी पहुंचेगे ।