बरेली। जिला समारोह समिति एवं ऑल इंडिया कल्चरल एसोसिएशन के तत्वावधान में स्थानीय संजय कम्युनिटी हॉल में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता साहित्यकार रणधीर प्रसाद गौड़ धीर ने की। मुख्य अतिथि मुंबई से पधारे हास्य व्यंग कवि हरीश शर्मा यमदूतरहे तो वहीं विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रमेन्द्र माहेश्वरी रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ कवि राम कुमार कोली ने किया।माँ शारदे एवं संस्था के संस्थापक स्वर्गीय जे.सी. पालीवाल जी के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कवि सम्मेलन में ओजस्वी काव्य पाठ करते हुए गीतकार उपेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने कहा कि
है स्वतंत्र अब भारत माता, फिर भी बहुत उदास।
समय लिखेगा अपराधों का एक नया इतिहास।।
कवि रणधीर प्रसाद गौड़ धीर ने अपनी रचना इस प्रकार प्रस्तुत की-
जनवरी छब्बीस का मंजर नुमायां हो गया
हर कली गुल बन गई हर गुल गुलिस्तां हो गया।
रामकुमार अफरोज ने सुनाया
आजकल क्या नागरिक, ऐसे नहीं जो यह कहें
हम करेंगे सेकुलर गणतंत्र का उत्कर्ष भी।
मशहूर शायर सरवत परवेज सहसवानी ने अपनी ग़ज़ल यों कही-
बिजलियां दफ्अतन मत गिराया करो
धीरे-धीरे निगाहें उठाया करो।
इस अवसर पर आमंत्रित कवियों/ शायरों में असरार नसीमी, अंजू शर्मा, शाद शम्सी, रामकृष्ण शर्मा, उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट, डॉ राजेश शर्मा ककरेली, राजीव गोस्वामी, पवन अंचल, हरिकांत मिश्र चातक, रामप्रकाश सिंह ओज, मनोज दीक्षित टिंकू, सरवत परवेज सहसवानी,सत्यवती सिंह सत्या , प्रताप मौर्य मृदुल,रीतेश साहनी, राज कुमार अग्रवाल एवं बिलाल आदि उपस्थित ने काव्य पाठ किया और सद्भाव एवं सौहार्द का संदेश दिया। कार्यक्रम में गोविंद सैनी, डॉ. सैय्यद सिराज, सुनील धवन, मोहम्मद नबी, देवेन्द्र रावत, पवन कालरा, मनीष अग्रवाल नाइस,प्रदीप मिश्रा,राजीव शर्मा, हरजीत कौर,नरेश विश्वकर्मा, जागेश शर्मा, ज्योति शर्मा,रवि सक्सेना, बंटी खान,दिलशाद,मिराज,शिवम प्रजापति, रोहित राकेश आदि का विशेष सहयोग रहा।इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष राजीव शर्मा टीटू ने सभी का आभार व्यक्त किया।