ड्रग इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने टीम के साथ मारा छापा,मेडिकल स्टोर बन्द
बहेड़ी। तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत नगर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी मेडिकल संचालक लाइसेंस के नियम के विरुद्ध दवाईयां बेच रहे हैं। कई बार विभागीय अधिकारियों द्वारा छापामारी की जाती है लेकिन मेडिकल संचालकों पर कार्यवाही के बजाय उनसे सांठ-गांठ कर उन्हें छोड़ दिया जाता है जिनसे युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो रही है। इन मेडिकल स्टोर पर नशीली दवाएं आपको बड़ी आसानी से मिल जायेंगी लेकिन शर्त यह है कि आपको उस नशीली दवाई के लागत का करीब पांच गुना मूल्य चुकता करना पड़ेगा। मेडिकल संचालक अपनी कमाई के लालच में युवाओं की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। यहां तक कि नगर व ग्रामीण क्षेत्र में नाबालिग भी इन नशीली दवाओं का सेवन कर अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं।
बताते चलें कि जब विभागीय अधिकारियों द्वारा इन मेडिकल पर छापामारी की जाती है उस दौरान राजनीति में अच्छी पकड़ रखने वाले नेताओं के फोन इन अधिकारियों के पास घनघनाने लगते हैं। जिसके बाद उनसे सांठ-गांठ कर मेडिकल संचालकों पर कार्यवाही करने के बजाय मोटी उन्हें छोड़ दिया जाता है।