बरेली:- ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कतर की अदालत द्वारा भारतीय सैनिकों को जासूसी करने के आरोप में मौत की सजा सुनाए जाने पर अपनी चिंता व्यक्त की हैं। मौलाना ने कहा कि आठ पूर्व भारतीय नौसेना के अधिकारियों को मौत की सजा के फैसले पर अफसोस और दुःख जताया हैं। उन्होंने भारत सरकार कतर सरकार की गिरफ्त में भारतीय नौ सैनिकों के बारे में जल्द से जल्द बड़ा फैसला लेने को कहा है।
वही मौलाना ने यह भी कहा कि विदेश मंत्रालय पहले से ही सक्रिय होता तो आज ये नौबत नहीं आती। हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि पूर्व भारतीय सैनिकों को स्वदेश वापस लाने के लिए उच्च स्तर पर कदम उठाए जाएं।मौलाना ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से कहा कि भारत में दो धार्मिक व्यक्ति ऐसे है जिनके अरब दुनिया और बिल खुसूस कतर सरकार से अच्छे संबंध हैं, इनकी सेवाएं लेकर ये बहुत बड़ा मसला हल हो सकता है। हजरत शेख अबुबकर अहमद ग्रंड मुफ्ती ऑफ इंडिया (केरला )और दारूल उलूम देवबंद के मौलाना अरशद मदनी (देवबंद जिला सहारनपुर) की अरब दुनिया में बहुत इज्जत और सम्मान है ।
भारत सरकार इन उलमा से बात करे और मैं समझता हूं इन उलमा की मध्यस्था से इंसानी रहम दिली दिखते हुए कतर सरकार माफ कर सकती हैं । इन दोनों व्यक्तियों का भारतीय मुसलमानों पर भी अच्छा प्रभाव देखा जाता है।मौलाना ने आगे कहा कि इन आठ पूर्व भारतीय नौ सैनिकों के परिवार के साथ इस दुःख और परेशानी की घड़ी में भारत का मुसलमान सहानभूति और समर्ददी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है ।हम खुदा से दुआ करते हैं कि ये लोग जल्द से जल्द कैद से आजाद हो और परिवार के सदस्यों को सब्र करने की ताकत दे।
