दीपशिखा,
नव दुर्गा से बना ये प्रकृति ।
हर ओर छाया है उनकी आकृति ।।
मंत्र हवन अर्चना से होते पूजन ।
सच्चे भाव ही है इनका भोजन ।।
धरा की शक्ति का करें बुरा हाल ।
आदिशक्ति से मांगे है वरदान ।।
मेले की धूम में सितारों की चमक ।
इसमें क्यों है महिला छेड़खानी का दीमक ।।
भजन से मन को शुद्ध कर लो ।
नवरात्री में मन को नया जन्म दिलाओ ।।