बरेली : सड़क दुर्घटना के आरोपी के घर दबिश देने गई शाही थाना पुलिस विवादों में घिर गई है। शाही पुलिस पर आरोप है कि जब सड़क दुर्घटना का आरोपी अपने घर नहीं मिला तो पुलिस ने उसके घर में तोड़फोड़ करने के साथ उसकी पत्नी-बेटे की रायफल से पिटाई कर दी और ग्रामीणों का दबाव बढ़ने पर पुलिस छोड़कर चली गई। घटना का वीडियो वायरल होते ही एसएसपी बरेली ने मामले पर संज्ञान लेते हुए दरोगा महेश चंद्र को सस्पेंड कर दिया।
जानकारी के मुताबिक एक सड़क दुर्घटना के मामले में बसावनपुर के रहने वाले आरोपी जयंती प्रसाद के घर पुलिस दबिश देने गई थी , जब आरोपी नहीं मिला तो पुलिस ने आरोपी की पत्नी और उसके बेटे की राइफल से पिटाई कर दी। इसके बाद शाही पुलिस की फजीहत शुरू हो गई। पुलिस के अधिकारियों ने सीएम के दौरे को देखते हुए दरोगा पर कार्रवाई करना उचित समझा। पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक आरोपी की गिरफ्तारी की जरुरत नहीं होने के बावजूद पुलिस आधी रात को दबिश देने पहुंच गई। पीड़िता कंचनवती ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके घर में दबिश देने के साथ उनसे बदसलूकी के साथ घर में तोड़फोड़ की। पुलिस ने उसके बेटे अर्जुन और उसके साथ भी मारपीट की। कंचन वती का यह भी कहना है कि जिस मामले में पुलिस उसके घर ने उसके घर आधी रात को पति की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी थी , उसमें गिरफ्तारी की जरूरत भी नहीं है।
एसपी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि थाना शाही क्षेत्रान्तर्गत कुछ वीडियो वायरल हुए है एक वीङियो उ0नि0 थाने की गाङी मे एक नवयुवक को बैठा रहे है तथा दूसरी वीडियो मे नवयुवक व उसकी मां को कुछ चोटे लगी होना दिखाया गया । उक्त वीडियो की जांच से पाया गया है कि कुछ दिनो पहले एक्सीडेन्ट मे व्यक्ति मृत्यु हो गयी थी जिसमे उस नवयुवक के पिता के विरुद्ध थाना शाही पर 304ए भादवि का मुकदमा पंजीकृत था जिसमे गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं थी । उक्त कृत्य को विवेचना में स्वेच्छा चारिता के संदर्भ में श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने दरोगा को निलम्बित कर दिया है।