मुजस्सिम खान
उत्तर प्रदेश के रामपुर में मौजूद भारतीय किसान यूनियन टिकैत के प्रदेश कैंप कार्यालय प्रशासन के निशाने पर है । इस कार्यालय पर कब्जे को प्रशासन ने अवैध करार दे दिया है जबकि किसान नेता इसे बरसों पुराना अपना यूनियन कार्यालय बता रहे हैं। किसान नेताओं का कब्जा हटाने के इरादे से प्रशासन में फोर्स के साथ कार्यालय पर पहुंचा जहां पर काफी देर तक गहमागहमी चलती रही लेकिन कई घंटे के बाद जब प्रशासन बैकफुट पर आया तो कहीं ना कहीं हालात कुछ हद तक सामान्य हुए लेकिन इन सबके बीच अभी भी कार्यालय को बचाने के लिए यहां पर बड़ी संख्या में किसान और भाकियू नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है।
रामपुर में डीसीडीएफ का नाम उस समय चर्चा में आया जब आजम खान पर इसकी एक इमारत में स्थित क्वालिटी बार पर कब्जा कर लेने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था अब एक बार फिर इसकी एक इमारत के कमरे में मौजूद भारतीय किसान यूनियन टिकैत का प्रदेश कैंप कार्यालय प्रशासन के निशाने पर है। बीती दिन शाम ढलने के बाद प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों का भारी-भरकम मूवमेंट यहां पर हुआ ।पुलिस बल भी तैनात रहा जिसके चलते काफी गहमागहमी का माहौल जारी रहा। डीसीडीएफ अधिकारी डॉक्टर गणेश गुप्ता का कहना है कि यह इमारत उनके विभाग की है जिस पर अवैध कब्जा है इन्हीं में से कई दुकानों को खाली करा लिया गया है जबकि यूनियन के कार्यालय को खाली कराया जाना बाकी है, जिसको लेकर बात चल रही है वहीं दूसरी ओर किसान नेता शुभम राठी का कहना है कि यह बरसों पुराना यूनियन का कार्यालय है प्रशासन हठधर्मी पर उतारू है। किसी भी कीमत पर कार्यालय को खाली नहीं किया जाएगा। फिलहाल कुछ समय के लिए टकराव के हालात टल चुके हैं लेकिन किसान लगातार यहां पर डटे हुए हैं। वहीं यूनियन के प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के नेताओं का भी रामपुर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है।