बरेली । अंतरराष्ट्रीय संस्था अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी एवं राष्ट्रीय बाल मासिक पत्रिका ‘बच्चों का देश’ के द्वारा आयोजित पत्रिका के रजत जयंती के अवसर पर राजसमंद( राज.) में अणुविभा मुख्यालय चिल्ड्रन’स पीस पैलेस में आयोजित देश के सबसे बड़े बाल साहित्य समागम (कार्यक्रम ) में बरेली से आमंत्रित बाल साहित्यकार गुडविन मसीह, कार्यक्रम में उपस्थित रहे। तीन दिवसीय कार्यक्रम में संस्था द्वारा आगन्तुक साहित्यकारों को अहिंसा दीर्घा का अवलोकन करवाया गया, मानव निर्मित देश की सबसे बड़ी झील, राजसमन्द झील के सुरमय तट पर योग और भ्रमण भी करवाया।
तत्पश्चात सभी बालसाहित्यकारो को नौ चौकी स्थल, बोधि स्थल का भ्रमण करवाने के साथ ही मंच पर सांस्कृतिक आयोजन अयोजित किए । सभी बाल साहित्यकारों ने स्थानीय 31 विद्यालयों में जाकर करीब ग्यारह हजार बच्चों के साथ सीधे संवाद स्थापित कर बाल साहित्य एवन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रति रुचि जागृत करने तथा साहित्य सर्जन के लिए अभ्यास करने व अणुव्रत पालन का अनुरोध कर इसके महत्व को समझाया गया। ‘बच्चों का देश’ मासिक पत्रिका व ऐसी ही अन्य बाल पत्र-पत्रिकाएं पढ़ने के लिए बच्चों को परामर्श दी। संस्था की इस अनूठी पहल को विद्यालय संचालकों ने स्वागत योग्य कदम बताया। इस समागम में पूर्व परिचित साहित्यकारों तथा नए साहित्यकारों से मिलने का सुअवसर प्राप्त हुआ।
संस्था के अध्यक्ष श्रीमान् अविनाश नाहर, पत्रिका संपादक श्री संचय जैन,सह संपादक श्री प्रकाश तातेड़ तथा इनकी पूरी टीम पूरे मनोयोग से कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटे हुए थे। कार्यक्रम के प्रत्येक सत्र में आप उपस्थित भी रहे, ऐसा अक्सर कम ही जगह देखने को मिलता है। इस समागम की स्मृतियांँ हमेशा मानस पटल पर अंकित रहेंगी।
इस अनूठे समागम में देश के 21 राज्यों से आए करीब सौ बाल साहित्यकारों ने, बच्चों के लिए साहित्य के माध्यम से और क्या अच्छा किया जा सकता है, इस पर चिंतन मनन एवम विचार विमर्श किया। रात्रि में बाल कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें विभिन्न कवियों ने अपनी विधाओं में सृजित बाल रचनाओं की प्रस्तुति दी।