बरेली। सरकार विधवा महिलाओं को पेंशन के देकर उनके सशशक्त करने के लिए प्रयास कर रही है। लेकिन वही सरकारी बाबू और अधिकारी सरकार की इच्छा पर पलीता लगाने में लगे हुए है। बरेली के अलग अलग क्षेत्रों की तमाम ऐसी महिलाएं जो चार चार साल से पेंशन लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही है। हर बार आफिस का बाबू तो कभी कंप्यूटर ऑपरेटर कोई ना कोई बहाना बनाकर विधवा महिलाओं को वापस भेज देता है।
शुक्रवार को पुराने शहर सहित कई जगह की महिलाएं डीएम दफ्तर पहुंची और अपनी समस्या को अधिकारी को बताया। महिलाओं ने बताया कि पिछले चार सालों से वह पेंशन लेने के विकास भवन सहित अन्य जगहों पर जाकर चक्कर लगाते हुए थक चुकी है। कोई उनकी सुनने को तैयार नहीं है। आज परेशान होकर वह डीएम दफ्तर एक समूह के रूप में पहुंची है। एक महिला ने बताया कि पेंशन वाले विभाग का बाबू और कंप्यूटर ऑपरेटर आफिस पहुंचने पर सही से बात नहीं करते है और आधार से बैंक अकाउंट से लिंक होने के बाद भी उन्हें कोई ना कोई कारण देकर वापस कर दिया जाता है। अब हालात यह है कि महंगाई के जमाने में बच्चों को पढ़ाना मुश्किल हो रहा है। कुछ महिलाओं ने यह भी कहा कि बाबू यह कहकर भी उन्हें वापस भेज देते है कि उनकी पेंशन लखनऊ से रोकी गई है।
जब लखनऊ से पेंशन आएगी तो उनके खाते में भेज दी जाएगी। परेशान होकर हम सभी ने डीएम दफ्तर में अपना शिकायती पत्र दिया है। पार्षद चंद्रपाल राठौर ने बताया कि वह विधवा पेंशन के लिए परेशान महिलाओं के साथ डीएम दफ्तर आये है। दरसल यहां जो महिलाएं यहां पहुंची है उन्हें पिछले 2 से 4 वर्षों से पेंशन नहीं मिली है। इस संबंध में एक शिकायती पत्र डीएम बरेली को संबोधित एसीएम 2 को दिया है।