News Vox India
शहरशिक्षास्पेशल स्टोरी

लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 148 वीं जयंती पर विशेष,

पटेल भारत के प्रथम प्रधानमंत्री होते तो भारत का नक्शा ही और कुछ होता

Advertisement
,

-सुरेन्द्र बीनू सिन्हा

लेखक
भारत के लौह पुरुष” सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे। उन्होंने भारत की आज़ादी के बाद देश को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 565 से अधिक रियासतों को भारत में शामिल करने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में भी कार्य किया।

 

 

सरदार पटेल की छवि एक मज़बूत और दृढ़निश्चयी व्यक्ति की रही। वह हमेशा देश के हितों को सर्वोपरि रखते थे। वह एक महान नेता और एक दूरदर्शी व्यक्ति थे। उन्होंने भारत को एक मजबूत और एकजुट राष्ट्र बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। सरदार पटेल भारत के इतिहास में एक महान व्यक्ति रहेंगे। उन्होंने भारत को आजादी और एकता के मार्ग पर आगे बढ़ाया।

 

 

 

उनकी उपलब्धियां हमेशा याद की जाएंगी।यदि सरदार बल्लभ भाई पटेल को भारतं का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया होता तो भारत का नक्शा ही और कुछ होता उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय एकता के लिए काम किया। 2014 से सरदार पटेल की जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में पूरे राष्ट्र में मनायी जाती है।सरदार बल्लभभाई पटेल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और एकीकरण के महान सिपाही थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के साथ भारतीय समृद्धि और एकता के लिए कठिन प्रयास किए। उन्हें “लौह पुरुष” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने 562 रियासतों को एक साथ जोड़कर भारतीय संगठन को बनाया।

 

 

सरदार पटेल का सबसे महत्वपूर्ण योगदान भारतीय समृद्धि और सामाजिक एकता के क्षेत्र में था। उन्होंने भारतीय सामाजिक और आर्थिक सामरिकता को बढ़ावा दिया और लोगों के बीच भाषाई और सांस्कृत की विविधता को समाप्त किया। वह एक शक्तिशाली नेता थे जिन्होंने गांधीजी के मार्गदर्शन में स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

 

वे भारतीय इतिहास के अद्भुत और महान व्यक्तित्व थे, जिन्होंने देश को एक साथ लाने के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया। उनकी महानता और सेवाभाव को हमें हमेशा प्रेरित करते रहना चाहिए।
पेशे से बैरिस्टर, पटेल ने भारत की आजादी के संघर्ष में शामिल होने के लिए अपने बढ़ते करियर को छोड़ दिया। वह स्वतंत्रता आंदोलनों में सक्रिय रूप से शामिल हो गये तथा अपने दिल और आत्मा को इसके लिए समर्पित कर दिया।सरदार बल्लभ भाई पटेल भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे। उन्हें “भारत का लौह पुरुष” कहा जाता है।

 

 

सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। उनका पूरा नाम वल्लभभाई झावेरभाई पटेल था। उनके पिता, झावेरभाई पटेल, एक किसान थे और उनकी माता लाडबा एक धार्मिक महिला थीं। सरदार पटेल बचपन से ही एक मेधावी छात्र थे। उन्होंने 1900 में गुजरात कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद वह कानून की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड गए।

 

 

1915 में भारत लौटने के बाद, सरदार पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने 1918 में अहमदाबाद में बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व किया। इस आंदोलन ने किसानों को अपनी जमीन के अधिकारों के लिए लड़ने में मदद की। सरदार पटेल ने 1930 में नमक सत्याग्रह और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरदार पटेल की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के कारण, सभी रियासतों ने भारत में विलय कर दिया।

 

सरदार पटेल एक मज़बूत और दृढ़निश्चयी व्यक्ति थे। वह हमेशा देश के हितों को सर्वोपरि रखते थे। वह एक महान नेता और एक दूरदर्शी व्यक्ति थे। उन्होंने भारत को आजादी और एकता के मार्ग पर आगे बढ़ाया। उनकी उपलब्धियां हमेशा याद की जाएंगी।उन्होंने भारत को आज़ादी और एकता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनकी उपलब्धियां हमेशा याद की जाएंगी। सरदार पटेल की 148 वीं जयंती पर शत-शत नमन

सुरेन्द्र बीनू सिन्हा*
326, कहरवान, बिहारीपुर, बरेली
मो.9412067488

Related posts

पत्नी ने शराब पीकर पति की हत्या , पुलिस ने महिला को किया गिरफ्तार।

newsvoxindia

इतिहास के झरोखे से : कबूतरबाजी नवाबी दौर का शौक, लेकिन रामपुर में आज भी जिंदा,

newsvoxindia

जानिए आज का पंचांग क्या कहता है , कौन सा समय आपके के लिए हो सकता है शुभ ,

newsvoxindia

Leave a Comment