मेष :आर्थिक परेशानी से राहत मिलेगी, आय बढ़ेगी, व्यापारी को लाभ, समाज में सम्मान बढ़ेगा। ग्रहण के दौरान हनुमान उपासना करें।
वृषभ : छठे स्थान रोग भाव में ग्रहण होगा। आपके कामकाज अटकेंगे, स्वास्थ्य बिगड़ेगा, विरोधी और कर्जदार परेशान करेंगे। श्रीसूक्त का पाठ करें।
मिथुन : पंचम स्थान संतान भाव में ग्रहण होगा। इस राशि पर शनि का ढैया है इसलिए संतान को कष्ट रहेगा।ग्रहण के दौरान विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
कर्क : चौथे स्थान सुख भाव में ग्रहण होगा। पारिवारिक कलह होगी। दुखी होगा, वाहन भवन संबंधी परेशानी आएगी। अगले 15 दिन विवेकपूर्ण निर्णय लें।
सिंह : पराक्रम भाव में ग्रहण होगा। ग्रहण शुभ है। नौकरी में अवसर, उच्चाधिकारियों से तालमेल अच्छा रहेगा। किस्मत चमकेगी। आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ करें।
कन्या : द्वितीय स्थान धन-वाणी के भाव में ग्रहण होगा। ग्रहण सामान्य रहेगा। मेहतन का फल मिलेगा। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से परेशानी कम होगी।
तुला : इसी राशि में ग्रहण हो रहा है। शुभ नहीं है। शनि का ढैया है। नौकरी मे साजिश के शिकार होंगे। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। श्रीसूक्त का पाठ करें।
वृश्चिक : द्वादश भाव में होगा। आर्थिक पक्ष को सहारा मिलेगा। आय ज्यादा होगी तो खर्च भी अधिक होगा। अपमान अपयश जैसी स्थिति आएगी लेकिन आप संभाल लेंगे। व्यापार शुभ है। निवेश करें। बजरंग बाण का पाठक करें।
धनु : लाभ भाव 11वें भाव में ग्रहण होगा। किसी को पैसा उधार न दें। हालांकि पद और पैसा बढ़ेगा। गीता के दसवें अध्याय का पाठ करें।
मकर : आपके दशम भाव में ग्रहण होगा। साढ़ेसाती का अंतिम चरण है। किसी भी काम में जल्दबाजी न करें। नौकरी में शुभ अवसर आएंगे। करियर आगे बढ़ेगा। सुंदरकांड का पाठ करें।
कुंभ : भाग्य भाव में ग्रहण होगा। साढ़ेसाती चल रही है लेकिन किस्मत का साथ मिलेगा। काम पूरे होंगे। शनि के मंत्र का पाठ करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें।
मीन : अष्टम मारक भाव में ग्रहण शुभ नहीं है। धन यश की हानि, अनचाहे खर्चे होंगे। रामचरितमानस का अरण्यकांड पढ़ें।
ग्रहण काल में करें दान
स्वाति नक्षत्र में ग्रहण होने से राहु से संबंधित वस्तुओं गेहूं, उड़द, गोमेद, लाल गाय, लाल चंदन, मिठाई, तिल, तेल, लोहा, सात अनाज, सोने का दान करें। तुला राशि में ग्रहण हो रहा है इसलिए चांदी, स्फटिक, चावल, दूध, दही, इत्र, सफेद चंदन, श्रंगार की सामग्री का दान करें।