पीलीभीत : पूरे देश मे बड़ी दिवाली का पर्व बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। दिवाली से एक दिन पहले छोटी दीवाली मनाई जाती है। मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था। इसीलिए इसे नरक चतुर्थी भी कहा जाता है। इसके अलावा दिवाली का पर्व भगवान विष्णु के अवतार श्री राम से जुड़ा हुआ है। भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास काल मे रावण का बध किया था और अयोध्या वापसी की थी इसी खुशी में दीपोत्सव का पर्व मनाया जाता है।
पीलीभीत जनपद में भी दिवाली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। दीवाली पर्व को लेकर पूरा बाजार भी दुल्हन की तरह सज चुका है। रोशनी के इस पर्व पर बिजली व्यवस्था भी दीवाली पर्व से पूर्व ही दुरुस्त करा दी गई। जिससे कोई फाल्ट न होने पाए और 24 घंटे बिजली लोगो को मिल पाए। वही बाजारों में धनतेरस पर्व के दिन से ही बाजारों में रौनक रहती है। और दीवाली पर्व तक इसी तरह बनी रहती है। धनतेरस पर्व पर लोग बाजारों में खरीदारी करने पहुचते है। बाजार चाहे जो भी हो हर तरफ लोगो की भीड़ जुटी हुई है।

लोगों ने धनतेरस पर जमकर बर्तनों की खरीदारी की इसके अलावा भारी मात्रा में ज्वेलरी भी खरीदी । झालरों, मोमबत्ती, पटाखों आदि की दुकानों पर ग्राहकों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। जिला प्रशासन ने शहर के मुख्य बाजारों में 21 अक्टूबर की रात 12 बजे से ही no entry लगा दी गई है। शहर के मुख्य बाजारों में दो पहिया, चार पहिया वाहनों व ई रिक्शा की अब 27 अक्टूबर की रात 12 बजे तक no एंट्री रहेगी। इसके अलावा शहर के मुख्य बाजारों व रामलीला मैदान जहां आतिष्वाजो की दुकान लगाई गई है। बपुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। शहर के चप्पे चप्पे पर पुलिस का कड़ा पहरा रहेगा। सुरक्षा की दृष्टि से रामलीला मैदान में आतिशबाजी की सजी दुकानों के चलते फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी तैनात की गई है।