शाहजहांपुर, एस०एस० कॉलेज के वाणिज्य विभाग में गत पांच दिनों से चल रही कार्यशाला के छठे और अंतिम दिन लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के प्रो० रंजीत सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि शोध अध्ययन हेतु सैंपल का चुनाव इस प्रकार करना चाहिए कि वह अपने समग्र का अधिकतम प्रतिनिधित्व कर सके। जब तक सैंपल में संपूर्ण शोध क्षेत्र की विशेषताएं सम्मिलित नहीं होगी तब तक सैंपल के अध्ययन से सही निष्कर्ष प्राप्त नहीं होंगे। सैंपल के चयन के बाद विश्लेषण के लिए उपयुक्त तकनीकी का चयन करना चाहिए गुणात्मक विश्लेषण के लिए गुण संबंध और काई-वर्ग-जांच का प्रयोग किया जा सकता है जबकि संख्यात्मक विश्लेषण के लिए टी-जांच, एफ-जांच, सहसंबंध आदि विधियों का प्रयोग करना ठीक रहता है।
उन्होंने कहा कि शोध प्रस्ताव को अंतिम रूप देते समय शोध प्रश्न, शोध उद्देश्य, शोध परिकल्पना और संभावित निष्कर्ष पर भली-भांति विचार कर लेना चाहिए। इन सब में परस्पर संबंध तथा एकरूपता होना आवश्यक है। शोध प्रस्ताव के अंत में उन विद्वानों के नाम तथा प्रकाशनों का उल्लेख अवश्य करना चाहिए जिनकी पुस्तकों अथवा लेखों को पढ़कर शोध प्रस्ताव बनाने में सहायता ली गई है। इसके अतिरिक्त यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि आपका शोध कार्य किस प्रकार भविष्य के लिए उपयोगी होगा तथा आने वाले समय में नए शोधकर्ता इससे किस प्रकार मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। डॉ० कमलेश के संचालन में हुए कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यशाला के संयोजक प्रो० अनुराग अग्रवाल ने बताया कि रविवार और सोमवार को छात्र अपना शोध प्रस्ताव तैयार करेंगे। मंगलवार को शोध प्रस्ताव की जांच के उपरांत सभी प्रशिक्षुओं को प्रमाण-पत्र वितरित किए जाएंगे।कार्यक्रम के संयोजन में डॉ० देवेंद्र सिंह, श्रीमती अपर्णा त्रिपाठी, कु० बृजलाली, यशपाल कश्यप एवं देव सिंह कुशवाहा का विशेष सहयोग रहा।