रामपुर। दो पैनकार्ड मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे व पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दोषी करार दिया है। सोमवार को कोर्ट ने दोनों को सात साल की कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। फैसला आते ही उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया गया।
मामला 2019 का है, जब भाजपा नेता और वर्तमान शहर विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि अब्दुल्ला आजम ने जन्मतिथि बदलकर दो अलग-अलग जन्म प्रमाणपत्र तैयार कराए और उन्हीं के आधार पर दो पैनकार्ड बनवाए। शिकायत में यह भी कहा गया था कि दोनों पैनकार्ड का उपयोग अलग-अलग सरकारी कामों में किया गया है, और यह सब आजम खान के इशारे पर हुआ।
इस केस की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी, जहां दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद मंगलवार को फैसला सुरक्षित रखा गया था। दोपहर बाद आजम खान और अब्दुल्ला आजम अदालत में पेश हुए, जहां मजिस्ट्रेट शोभित बंसल ने दोनों को धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोपों में दोषी ठहराया।
अभियोजन पक्ष के एडीजीसी संदीप सक्सेना ने बताया कि कोर्ट ने दोनों को सात साल साधारण कारावास और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस ने उन्हें कड़ी सुरक्षा में कोर्ट से बाहर ले जाकर जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
उधर भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि आजम खान को उनके कृत्यों की सजा मिली है। यह न्याय की जीत है।छह वर्ष पुराने इस मामले में आए फैसले ने रामपुर की राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है। अब दोनों नेताओं को रामपुर जिला जेल भेजा जा रहा है।




