बरेली: सेवानिवृत्त वैज्ञानिक के 1.10 करोड़ लखनऊ और 10 लाख मुंबई के खाते में किए गए ट्रांसफर

SHARE:

बरेली। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) बरेली के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक शुकदेव नंदी को ठगों ने पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। शुकदेव नंदी से ठगे गए 1.29 करोड़ रुपयों में 1.10 करोड़ लखनऊ के बैंक खातों में, 10 लाख पुणे और नौ लाख मुंबई के बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए थे। साइबर क्राइम पुलिस 75 बैंक खातों को फ्रीज कर आगे की जांच कर रही है। पुलिस ने कुछ रकम को भी फ्रीज कराया है।

पश्चिम बंगाल के मूल निवासी सेवानिवृत्त वैज्ञानिक शुकदेव नंदी कई साल से आईवीआरआई में तैनात थे। वह 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होने के बाद कैंपस में ही आवंटित आवास में अपने परिवार के साथ रहते थे। वह 30 जून को आवास को खाली करके पश्चिम बंगाल वापस जाने को थे। शुकदेव नंदी को 16 जून को व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आई।

ठग ने खुद को बेंगलुरु सिटी में तैनात सीबीआई अफसर बताते हुए धमकाया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर फर्जी सिम कार्ड लिए गए हैं। इनका इस्तेमाल ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जॉब फ्रॉड में किया गया है। ठगों ने 16 से 20 जून तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट रखा और 1.29 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। साइबर क्राइम पुलिस की जांच में सामने आया कि ठगों ने जिस दिन रुपये खाते में मंगाए, उसी दिन रुपयों को 75 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर लिया।

पुलिस को जांच में पता चला कि ठगी के 1.10 करोड़ लखनऊ, 10 लाख पुणे और नौ लाख रुपये मुंबई के खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। शुरुआती जांच में सामने आया था कि ट्रांसफर किए गए बैंक खाते केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में स्थित हैं, लेकिन अब ठगी की सबसे अधिक रकम लखनऊ के बैंक खातों में जाना पाया गया।

साइबर क्राइम इंस्पेक्टर नीरज कुमार के अनुसार सेवानिवृत्त वैज्ञानिक से ठगे गए रुपयों में 1.10 करोड़ रुपये लखनऊ स्थित बैंक खातों और 10 लाख पुणे और नौ लाख रुपये मुंबई के बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए थे। सभी खातों को फ्रीज करा दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। ठगी की रकम वापस कराने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।

newsvoxindia
Author: newsvoxindia

Leave a Comment

error: Content is protected !!